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    चीन अमेरिका

    अमेरिका और चीन के रक्षा प्रमुखों ने जंगी जहाजों के मध्य टकराव से बचने के लिए आसियान के सिद्धांतों के दिशा- निर्देशों पर सहमत हो गए है। ताकि विवादों से बचकर पैसिफिक क्षेत्र में सैन्य गतिविधियों को बढ़ाया जा सके।

    सिंगापुर में आसियान की सभा के इतर अमेरिका रक्षा सचिव जेम्स मैटिस और चीनी जनरल ने नियमों को समर्थन दिया। आसियान में रक्षा मंत्रियों की बैठक में इस नतीजे पर विचार किया गया था।

    दस्तावेजों के मुताबिक यह नियम साल 2014 के नियमों केे समान था। इन दिशानिर्देशों के बाद जहाज़ों के टकराव के विवादों में कमी आएगी। आसियान देशों के अलावा आठ अन्य देश अगले वर्ष थाईलैंड में होने वाली बैठक में इन दिशानिर्देशों पर मोहर लगा देंगे।

    यह नियम पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ती मिलिट्री गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए बनाये है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका का पैसिफिक क्षेत्र पर दबदबा रहा है। अमेरिका चीन के दावे वाले दक्षिणी चीनी सागर और अन्य पर नौसंचालन के अधिकार के लिए मुक्त मार्ग के लिए कदम उठा रहा है।

    सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने कहा कि एक दुर्घटना की कीमत बहुत ज्यादा है और सिर्फ अपनी ताक़तकर स्थिति को दिखाने के लिए बेहद बेहूदा तरीका है। उन्होंने कहा कि चीन और ताइवान दक्षिणी चीनी सागर को लेकर चिंतित है। दोनो राष्ट्र विश्वास को मजबूत करने को तत्पर है अब सैन्य समझौता रिश्तों को स्थिर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

    चीन और अमेरिका क्षेत्र में जहाजों की भिड़ंत को लेकर शिकायत करता रहा है। अमेरिका ने चीन पर उनके पायलट पर लेज़र से निशाना साधने के आरोप लगाया। जो आसियान नियमों का सरासर उल्लंघन है।

    आसियान के नियमो को साल 2014 में बनाया गया था। इस नवल प्रोटोकॉल पर 21 राष्ट्रों ने हस्ताक्षर किए थे।

    अमेरिका ने इस माह के शुरुआत में चीन कि नेवी पर विवादित दक्षिणी चीनी सागर में अमेरिकी युध्पोतक के नजदीक आने के आरोप लगाए। सिंगापुर के रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्र नौसंचालन किसी राष्ट्र के लिए दिक्कते पैदा नहीं करता है।

    अमेरिकी रक्षा सचिव ने इस यात्रा के दौरान चीन की सेना से विवादों को कम करने की कोशिश की।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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