नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में बुलेट और आतंक के ऊपर बैलेट हावी रहा। चुनाव आयोग के अनुसार पहले चरण में 18 सीटों पर हुए मतदान में 70 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि अभी तक अंतिम आंकड़ा प्राप्त नहीं हुआ है।
राज्य के कुल 90 सीटों में से 18 सीटों पर कल वोट डाले गए।
क्षेत्रवार ब्यौरा देते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि कोंडागांव में 61.51 फीसदी, केशकल में 63.51 फीसदी, कांकेर में 62 फीसदी, बस्तर में 58 फीसदी, दंतेवाड़ा में 49 फीसदी, खैरागढ़ में 70.14 फीसदी, डोंगरगढ़ में 71 फीसदी, खुज्जी में 72 फीसदी और डोंगरगांव में 71 फीसदी वोटिंग का अनुमान है।
पहले चरण के 18 सीटों में से 12 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें है। इन 18 सीटों में से 7 सीटें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में थी। शेष 72 सीटों के लिए मतदान 20 नवम्बर को होगा।
सुरक्षित और शांतिपूर्ण मतदान के लिए बीएसएफ, सीआरपीएफ के अलावा अन्य राज्यों से भी 65,000 पुलिस के जवानों को चुनावी ड्यूटी में लगाया गया था जबकि छत्तीसगढ़ पुलिस की 600 कंपनियों ने चप्पे चप्पे पर निगरानी रखी थी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों के जरिये गतिविधियों पर नजर रखा गया था।
सुदूर जंगली और जनजातिये क्षेत्रों तक मतदानकर्मियों को सुरक्षित लाने और ले जाने के लिए वायुसेना और बीएसएफ के हेलीकॉप्टरों का इस्तमाल किया गया।
राज्य में पिछले 15 सालों से रमन सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है। कल मुख्यमंत्री रमन सिंह की सीट राजनंदगांव में भी वोट डाले गए। रमन सिंह के सामने कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला को मैदान में उतारा है।