आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद, अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने गुरुवार को राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली।
तीनो राज्यों में विपक्ष की सरकार है और उन्होंने सीबीआई पर इलज़ाम लगाया है कि वे केंद्र में मौजूद भारतीय जनता पार्टी के हिसाब से काम करती हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले से संबधित एक पत्र केंद्रीय ग्रह मंत्रालय को लिखा है। उनके मुताबिक, “पहली बात तो ये कि पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार ने सीबीआई के काम पर एक प्रश्न चिन्ह लगा दिया है और इसलिए ये हमारे लिए सही नहीं होगा कि हम सीबीआई को अपने राज्य में मनमानी जारी रखने की अनुमति दें। दूसरी बात, सीबीआई संघीय संरचना का दुरुपयोग कर रही है और राज्य में कानून व्यवस्था को प्रभावित कर रही है।”
उन्होंने आगे लिखा-“इस आदेश के तहत, राज्य में सीबीआई का कामकाज निषिद्ध नहीं किया जाएगा मगर एजेंसी को छत्तीसगढ़ में कोई भी कार्यवाई करने से पहले अनुमति लेनी होगी।”
राज्य सरकार का निर्णय उस दिन आया, जब एक उच्च-स्तरीय चयन समिति जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं, उन्होंने सीबीआई के प्रमुख आलोक वर्मा को हटा दिया था।