छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए राज्य के बजट दस्तावेजों को गाय के गोबर से बने ब्रीफकेस में विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत किया।
ब्रीफकेस 10 दिनों की अवधि में रायपुर स्थित गौठान में गाय के गोबर गोंद और आटे, अन्य सामग्री के साथ बने गया था। इसमें कोंडागांव के कारीगरों ने लकड़ी के हैंडल और क्लैप्स बनाया। ब्रीफकेस के ऊपरी सतह पर संस्कृत में “गोमय वसते लक्ष्मी” लिखा था। इस श्लोक का हिंदी अनुवाद -“गोबर में लक्ष्मी का वास होता है”।
गोबर के बजट ब्रीफकेस में छत्तीसगढ़ के किसानो को क्या मिला सौगात?
न्याय एवं आर्थिक सुरक्षा दिलाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना में आगामी वर्ष से वार्षिक सहायता राशि बढ़ाकर 7000 रुपये करने की घोषणा की गई है जो पहले 6000 रूपये था।
मुख्यमंत्री बघेल ने बजट भाषण की शुरुआत ही किसानों के हितकारी योजनाओं के साथ किया। भूमिहीन मजदूर न्याय योजना में अब हर साल 7000 रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री बघेल ने बजट भाषण की शुरुआत में ही कहा कि मौजूदा सरकार ने पहले साल में ही 17.96 लाख किसानों का 8744 करोड़ का कर्ज माफ किया है। 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की गई। इसके अलावा खरीफ 2018 के धान के लिए 15.77 लाख किसानों को 6022 करोड़ की बोनस राशि का भगुतान किया गया।
न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ अधिकतम 10000 रुपये की आदान सहायता देने की व्यवस्था की गई है। पिछले 2 साल साल में 20 लाख से अधिक किसानों को 10152 करोड़ की सहायता राशि का भुगतान किया गया है। योजना के लिए इस बार बजट में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel के बजट में प्रत्येक वर्ग को न्याय#CGBudgetForNYAY pic.twitter.com/CAHuDD2W8Q
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) March 9, 2022
5 एचपी तक के कृषि पंपो को नि:शुल्क विद्युत प्रदाय हेतु अनुदान योजना के लिए 2600 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस योजना से 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
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मुख्यमंत्री बघेल ने बजट भाषण में कहा कि गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इन औद्योगिक पार्कों में इंफ्रास्ट्रक्चर एवं बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 600 करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बैगा, गुनिया, मांझी आदि आदिवासियों के देवस्थल के हाट पाहार्या एंव बाजा मौहरिया को राज्य शासन की ओर से राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा।