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    चेतेश्वर पुजारा

    रणजी ट्रॉफी 2018-19 का सेमीफाइनल मुकाबला जो की सौराष्ट्र और कर्नाटक के बीच खेला गया था उस मैच में दो बार खेल विवाद के कारण पुजारा भाग्यशाली रहे और दोनो बार स्पष्ट रूप से आउट होने पर वह क्रीज पर बने रहे। एक बार जब टीम का स्कोर 68 रन था और विनय कुमार गेंदबाजी कर रहे थे तब ऐसा देखने को मिला। पुजारा की नाबाद 131 रन की पारी से सौराष्ट्र की टीम ने कर्नाटक को पांच विकेट से हराया और टीम ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल में तीसरी बार जगह बनायी।

    दोनो पक्षो के बीच यह एक कम स्कोर वाला मैच था जहां अंपायर पूरे मैच में एक बार नही दो बार गलती करते दिखे। सौराष्ट्र की पहली इनिंग में, पुजारा बल्ले के किनारे से गेंद लगाने के बावजूद क्रीज पर बने रहे, वह दूसरी इनिंग में भी कुछ ऐसा ही सामान्य देखने को मिला, तब भी पुजारा ही क्रीज पर बल्लेबाजी कर रहे थे और विनय कुमार गेंदबाजी कर रहे थे।

    कर्नाटक की टीम को दूसरी पारी में अंपायर की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा क्योंकि पुजारा की शतकीय पारी ने दोनो टीम के बीच एक अंतर ला दिया था। 31 साल के पुजारा ने दूसरी इनिंग में नाबाद 131 रन की पारी खेली, उनके साथ शेल्डन जेक्सन ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 100 रन बनाए। इन दोनो खिलाड़ियो ने मिलकर चौथे विकेट के लिए 214 रन की साझेदारी की थी। सौराष्ट्र की टीम ने 279 रन के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया था, लेकिन उनकी इस जीत के बाद अब घरेलू क्रिकेट में भी डीआरएस की मांग की जा रही है क्योंकि अंपायरो द्वारा मैच में कई गलत निर्णय लिये गए जिससे की कर्नाटक की टीम को हार का सामना करना पड़ा।

    सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने न्यूज-18 से बात करते हुए डीआरएस के विचार पर कहा, ” यह खेल के लिए अच्छा है जितनी ज्यादा से ज्यादा तकनीकी आप इसमें शामिल कर सकते हो। हमने इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देखा है यह सुनश्चित करना टीमो के लिए अच्छा हो सकता है। मुझे लगता है कि बीसीसीआई इसे देखने के लिए सबसे अच्छी जज होगी। जाहिर है, आप जो भी तकनीक शामिल कर सकते हैं, वह खेल को सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है।”

    कर्नाटक के कोच येरे गॉड भी डीआरएस के समर्थन में आए और उन्होने कहा अगर डीआरएस का उपयोग होगा तो अंपयार द्वारा की गई गलती सुधारी जा सकती है। कर्नाटक के कोच ने कहा “हा, निश्चित रूप से अगर हम डीआरएस का उपयोग करते है तो इसमें कोई गलती नही होगी। हमारे पास निष्पक्ष खेल होगा।” इस बीच, अंपायर सैय्यद खालिद, जो अंपायरिंग होल्डर के लिए जवाबदेह थे, से उम्मीद की जाती है कि उन्हें बीसीसीआई से नकारात्मक अंकन प्राप्त होगा और एक निम्न ग्रेड तक नीचा हो सकता है।

    यदि ग्रुप-स्टेज में नही, डीआरएस का उपयोग रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट स्टेज में इस्तमाल किया जा सकता है। सौराष्ट्र की टीम अब 3 फरवरी को गत चैंपियंस विदर्भ की टीम के साथ फाइनल मैच खेलेगी।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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