चुनाव में हो रही तमाम गड़बड़ियों की शिकायतों पर राज्य निर्वाचन आयोग अब सख्त हो गया है। इस मामले की जांच अब लखनऊ प्रमंडल के कमिश्नर खुद करेंगे तथा अपनी रिपोर्ट को आयोग को 15 दिनों के भीतर सोपेंगे।
उल्लेखनीय है कि रविवार को लखनऊ सहित 25 जिलों के नगरीय निकाय का चुनावों में मतदातों के नामों में गड़बड़ी पाई गयी थी। लिस्ट में फर्जी मतदाताओं के नामों की भी खबरे आ रही थी। मामले की गंभीरता को इस बात से समझा जा सकता है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद कलराज मिश्र का भी नाम मतदाता सूची में नहीं था जिसके कारण उनको बगैर मतदान किए ही वापस जाना पड़ा। लिस्ट में पूर्व चुनाव आयुक्त जीवीजी कृष्णमूर्ति का नाम भी नहीं था, लिहाजा उनको भी बिना मतदान किए जाना पड़ा।
इस मामले पर अखिलेश ने अपनी नाराजगी जताई है। उन्होने मतदान में गड़बड़ी कि शिकायत लगाते हुए कहा कि ”जब सांसद, मंत्री, मेयर तक के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं, तब आम जनता से वोट डालने की अपील का क्या फ़ायदा। इसे सुधारना ही होगा, नहीं तो जो उँगलियाँ वोट देने के बाद शान से उठायी जाती हैं, वो सरकार की मंशा पर उठने लगेंगी। चुनावी प्रक्रिया में विश्वास लोकतंत्र की सबसे बड़ी ज़रूरत है।”
जब सांसद, मंत्री, मेयर तक के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं, तब आम जनता से वोट डालने की अपील का क्या फ़ायदा. इसे सुधारना ही होगा, नहीं तो जो उँगलियाँ वोट देने के बाद शान से उठायी जाती हैं, वो सरकार की मंशा पर उठने लगेंगी. चुनावी प्रक्रिया में विश्वास लोकतंत्र की सबसे बड़ी ज़रूरत है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 27, 2017
अपने एक और ट्वीट में उन्होने कहा कि ”मीडिया की रिपोर्ट है कि आज के चुनावों के मतदाता सूची में बहुत से मतदाता नाम गायब हैं। इस प्रकार के डिजिटल भारत हमें आगे नहीं ले सकते।”
Media reports that a lot of voters names are missing from the voting list of today’s election.This type of digital India cannot take us forward.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 26, 2017
मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त, एसके अग्रवाल ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मतदाता सूचियों की गड़बड़ी से जुड़ी खबरें दिखाईं है तो वहीं लखनऊ की मतदाता सूची में भी कई तरह की अनियमिताओं की खबरें समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई हैं।
इन ख़बरों को गंभीरता से लेते हुए लखनऊ में वोटर लिस्ट की जांच कमिश्नर से कराने का निर्णय लिया गया है। जांच में यदि मामले सही मिले तो इसके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।