केरल में एक आदिवासी व्यक्ति की भीड द्वारा पीट-पीट कर हत्या करने को लेकर पूर्व क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग ने ट्वीट किया था और इस घटना की जमकर निंदा की थी। अपने ट्वीट को लेकर सहवाग बुरी तरह फंस गए थे जिसके बाद सहवाग ने न सिर्फ माफी मांगी बल्कि अपना ट्वीट को भी हटाया। सहवाग के ट्वीट को देखकर लगता है कि समुदाय विशेष के प्रति उनका गुस्सा कैसा है।
अब कई लोग अनुमान लगा रहे है कि क्या वीरेन्द्र सहवाग 2019 के आम चुनावों के लिए भाजपा से लोकसभा के टिकट की मांग कर रहे है? भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज सहवाग ने केरल के एक गरीब आदिवासी व्यक्ति की जिंदगी के झुकाव को स्पष्ट रूप से एक सांप्रदायिक कोण के रूप में बताया था।
सहवाग ने इस घटना को “एक सभ्य समाज के लिए अपमान” बताया था। दरअसल सहवाग ने अपने ट्वीट में लिखा था कि मधु ने एक किलो चावल चुराया था। उबैद, हुसैन और अब्दुल करीम की भीड़ ने गरीब आदिवासी व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी। सहवाग ने इस ट्वीट में तीन मुसलमानों के ही नाम लिखे थे जबकि अन्य लोगों के नाम नहीं लिखे थे इसे लेकर सहवाग बुरी तरह से ट्रोल किए गए।
फैंस ने इसे सांप्रदायिक रूप से जोड़कर देखा। उन्हें मुसलमानों की भर्त्सना करने की आलोचना का सामना करना पड़ा। इस पर बाद में सहवाग ने ट्वीट पर माफी मांगते हुए कहा कि उनका मकसद किसी समुदाय विशेष के लिए टिप्पणी करना नहीं था।
सहवाग ने लिखा था कि अधूरी जानकारी होने की वजह से वो अन्य लोगो के नाम नहीं लिख पाए। सहवाग के ट्वीट को लेकर इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी निशाना साधा था। इन्होंने कहा था कि हरियाणा में नफरत व अपराध पर तो कुछ भी नहीं कहा गया। साथ ही सहवाग से ट्वीट को हटाने की मांग भी की थी।
सहवाग के इस ट्वीट को देखकर लगता है कि वो बीजेपी की विचारधारा के अनुसार सोचते है। कई राजनीतिक विश्लेषक अनुमान लगा रहे है कि हो सकता है वीरेन्द्र सहवाग अगला लोकसभा चुनाव बीजेपी की टिकट पर लडे। क्योंकि दोनो की विचारधारा समुदाय विशेष के प्रति समान नजर आ रही है।
पिछले साल भी शहीद की एक बेटी के खिलाफ सहवाग ने मजाकिया अंदाज में निंदा की थी जिसने एबीवीपी के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। हवाग विभिन्न मुद्दों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुखर नजर आ रहे है। जिससे लगता है कि वो राजनीति में प्रवेश कर सकते है।