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    वोटिंग voting

    चुनाव आयोग ने त्रिपुरा लोकसभा क्षेत्र में होने वाले 18 अप्रैल के चुनाव को 23 अप्रैल तक के लिए खराब कानून व्यवस्था के कारण टालने की घोषणा की हैं। आयोग ने कहा कि वहां कानून व्यवस्था निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के अनुकूल नही हैं।

    राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और विशेष पुलिस पर्यवक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, जिस प्रकार की कानून व्यवस्था यहां हैं, वह निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के अनुकूल नही हैं।

    आयोग ने कहा अधिकारी  को आशंका हैं कि कुछ असमाजिक तत्व निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रक्रिया को बधित कर सकते हैं।

    त्रिपुरा मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘हर किसी ने देखा हैं 11 अप्रैल को हुए चुनाव के दौरान किया हुआ था। मैने विभिन्न जिलों की यात्रा की और वहां की गतिविधियों का वीडियों देखे, जोकि भारत के चुनाव आयोग के नियमों के खिलाफ हैं।

    हमने वह जानकारियां चुनाव आयोग के सामने रखी। चुनाव को 23 अप्रैल तक के लिए रोका गया हैं, तब तक क्षेत्र के कानून व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।

    पहले चरण के मतदान 11 अप्रैल को हुए थे, कांग्रेस और सीपीआईएम ने 460 मतदान केंद्र पर हुई धांधली के बाद पुन मतदान की मांग की थी।

    त्रिपुरा कांग्रेस के अध्यक्ष प्रादयोत किशोर ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया हैं।

    उन्होंने कहा, 11 अप्रैल को पश्चिम त्रिपुरा लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी। इसके बारे में त्रिपुरा कांग्रेस के नेताओं के साथ ऑल इंडिया कमेटी की टीम ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से नही हो रहे थे। हम चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत करते हैं।

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