चुनाव आयोग ने ट्विटर और फेसबुक को भाजपा और कांग्रेस की तरफ से किये गए पोस्ट को डिलीट करने के लिए कहा है। इन पोस्ट में उन्होंने जनता से वोट देने की मांग की है।
चुनाव आयोग ने ‘रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपल एक्ट’ के ‘सेक्शन 126’ के तहत ऐसा कदम उठाया है। इस एक्ट में, किसी भी पार्टी या उमीदवार को वोट डालने के 48 घंटो पहले से ही चुनाव प्रचार अभियान रोकना पड़ता है मगर भाजपा और कांग्रेस के ऐसा ना करने की वजह से चुनाव आयोग ने उनके पोस्ट डिलीट करने का आदेश दिया है।
पीटीआई से बात करते हुए एक सीनियर फंक्शनरी ने बताया-“ट्वीट कंपनी के द्वारा निकाला जा सकता है।”
कमाल की बात तो ये है कि चुनाव आयोग ने ट्विटर और फेसबुक को लिखा है वजाय भाजपा या कांग्रेस के। उन्होंने सोशल मीडिया कम्पनीज से आग्रह करते हुए कहा है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी चुनाव का नियम ना टूटे। हालाँकि आयोग के डायरेक्टर जनरल धीरेन्द्र ओझा ने कहा है कि उनका ये पत्र किसी भी पोस्ट के खिलाफ नहीं है।
‘रिप्रजेंटेशन ऑफ़ पीपल एक्ट’ के ‘सेक्शन 126’ के तहत, किसी भी पार्टी या उमीदवार को 48 घंटे पहले से ही चुनाव प्रचार अभियान रोकना होता है। इसे ‘साइलेंट पीरियड’ कहते हैं। और चुनाव आयोग ने ट्विटर और फेसबुक को पत्र में यही लिखा है कि वे ध्यान रखें कि ‘साइलेंट पीरियड’ का उलंघन ना किया जाये।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ट्वीट किया था जिसमे उन्होंने दो ट्वीट्स के बाद एक स्लोगन डाला था जिसमे जनता से कांग्रेस को वोट देने की मांग की गयी थी।
भाजपा मध्य प्रदेश ने भी एक प्रवक्ता का ट्वीट रीट्वीट करके मध्य प्रदेश के लोगो से भाजपा को वोट देने की अपील की थी।