देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी महिला रिश्वतखोरी और आपराधिक साजिश के एक मुकदमे का सामना कर रही है, और पुलिस ने उसकी जमानत रद्द करने के लिए अदालत में एक अर्जी दी है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के घर पर स्थित कार्यालय में काम कर चुकी महिला फिलहाल जमानत पर है और दिल्ली पुलिस ने इसे रद्द कराने के लिए इस महीने की शुरुआत में एक जिला अदालत में अर्जी दी थी।
जमानत रद्द करने की पुलिस की याचिका पर दिल्ली की एक अदालत में सुनवाई शनिवार को होनी थी, लेकिन आरोपी उपस्थित नहीं थी, जिस कारण सुनवाई नहीं हो पाई। अब वह 24 अप्रैल तक जमानत पर रहेगी।
पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट पर रिश्वतखोरी का आरोप है और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 506, और 120बी के तहत आरोप लगाए गए हैं।
नवीन कुमार नामक एक व्यक्ति ने पिछले महीने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने पिछले महीने उसे गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ तीन मार्च, 2019 को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जिला अदालत ने उसे 11 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, लेकिन 12 मार्च को उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
कुमार ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि सर्वोच्च न्यायालय में काम करते हुए महिला ने उसे प्रॉसेस सर्वर या चतुर्थ श्रेणी के एक कर्मचारी के रूप में सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्त कराने के लिए पैसे मांगे थे।
शिकायत में कहा गया है कि कुमार ने कथित तौर पर आरोपी महिला को 50,000 रुपये का अग्रिम भुगतान किया था, लेकिन नियुक्ति के बारे में उसने उसे कोई सूचना नहीं दी।
शिकायत के अनुसार, कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय परिसर में उससे मुलाकात की थी और शीर्ष अदालत में अपनी नियुक्ति का ब्योरा मांगा था।
कुमार ने आगे आरोप लगाया कि महिला ने उससे कहा कि वह उससे सर्वोच्च न्यायालय परिसर में न मिले, और यदि वह ऐसा करता है तो महिला उसे एक झूठे मामले में फंसा देगी।
मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दी गई।
कुमार ने अपराध शाखा के डीसीपी को भी एक आवेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि आरोपी और उसके लोग उसे धमकी दे रहे हैं।