चीन अपने बीडो-3 मैपिंग तंत्र के अंतिम दो उपग्रह 2020 में छोड़ेगा। प्रशासन ने कहा कि यह तंत्र अमेरिकी जीपीएस का वैकल्पिक तंत्र है। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, तंत्र विकसित करने वाली एजेंसी के एक प्रवक्ता रैन चैंग्की ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि दो उपग्रह 2020 में जून से पहले छोड़े जाएंगे।
चीन ने 2019 में 10 बीडो उपग्रह लॉन्च किए थे।
रेन ने कहा कि 2035 तक एक नया निगरानी तंत्र और बीडो का अधिक व्यापक, एकीकृत और बुद्धिमत्तापूर्ण तंत्र स्थापित किया जाएगा।
बीडो-3 तंत्र चीन तथा एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कुछ हिस्सों में दिसंबर 2012 से चल रहा है और दुनियाभर में इसका संचालन दिसंबर 2018 से हो रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, तंत्र की सटीकता का मार्जिन पांच मीटर से भी कम है।
चीन ने जीपीएस तंत्र पर अपनी निर्भरता खत्म करने के लिए 2000 में अपना नेवीगेशन तंत्र बनाने शुरू किए थे और उसे बीडो नाम दिया था। चीन के प्राचीन खगोलविदों ने यह नाम बिग डिपर या प्लाउ नक्षत्र के सात सबसे चमकीले तारों को दिया था।
बीडो नेवीगेशन नेटवर्क के चार अंतरिक्ष प्रोजेक्ट्स में से एक है। शेष तीन अमेरिका का जीपीएस, यूरोपीय संघ (ईयू) का गैलीलियो और रूस का ग्लोनास हैं।