हांगकांग में प्रत्यर्पण बिल पर प्रदर्शन काफी बढ़ गया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “उम्मीद है, चीनी केंद्रीय सरकार और हांगकांग के बीच कार्य होगा क्योंकि विवादित प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन को काफी तीव्र कर दिया है।” इस बिल के तहत संदिग्ध अपराधियों को सुनवाई के लिए मुख्यभूमि चीन में भेजा जायेगा।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, बिल पर प्रदर्शन से 70 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जिसके तहत हांगकांग भगोड़े आरोपियों का प्रत्यर्पण उन देशों में करेगा जिनके साथ उनके आधिकारिक समझौते नहीं है इसमें चीन, ताइवान और मकाउ है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “मुझे नहीं पता कि उन्होंने उनको क्या भेजा। यह एक प्रदर्शन है। प्रदर्शन के कारण को मैं समझता हूँ लेकिन मुझे यकीन है कि वह इस मामले को सुलझा लेंगे। मुझे उम्मीद है कि यह चीन के साथ कार्य करने में सक्षम होंगे।”
अमेरिकी राष्ट्रपति से पूछा गया कि क्या प्रदर्शनकारी चीन को कोई सन्देश भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हांगकांग से अधिक विशाल प्रदर्शन मैने नहीं देखा है। मैंने आज देखा और वाकई इसमें लाखो लोग थे। कई बार लोगो ने इसके बाबत बात की है और उनमे या 2000 प्रदर्शनकारी रहे होंगे, या 1000 या फिर 200 लेकिन इस प्रदर्शन को देखेंगे तो मालूम होगा इसमें लाखो लोग शामिल है।”
हांगकांग में प्रदर्शनकारियों ने तीन दिनों तक शांतिपूर्ण मार्च निकाला था। लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियों से गोलीबारी की थी। इसके चंद घंटो बाद युवा प्रदर्शनकारियों ने शहर के सरकारी मुख्यालय को घेरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और विवादित बिल पर चर्चा को स्थगित कर दिया था।
हांगकांग के पुलिस कमिश्नर लो वे चुंग ने कहा इस प्रदर्शन को दंगे के लिहाज से देखा। उन्होंने कहा कि “बुधवार दोपहर में प्रदर्शनकारियों और विभागों के बीच हिंसक झड़प हो गयी थी। पुलिस के पास बल के इस्तेमाल के आलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।”