राष्ट्रीय स्वयंसेवक मंच से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने भारत में संचालित चीनी कंपनियों के संचालन की हद को तय करने के लिए प्रधानमंत्री को कार्रवाई करने के लिए एक पत्र लिखा है। संयुक्त राष्ट्र में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में चीन सैदेव अड़ंगा लगाता है, इसी कारण समूह ने यह मांग की है।
पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी समर्थित आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद ने ली है। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ से काफिले से टकराई एक कार में भयानक विस्फोट हुआ, जिसमे 44 जवान शहीद हो गए और पांच बुरी तरह जख्मी थे।
चीन की यूएन सुरक्षा परिषद् में स्थायी सीट है और वह हमेशा अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान के समर्थन में फैसले करता है। हाल ही में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर मसूद अज़हर के खिलाफ प्रस्ताव रखा था लेकिन चीन ने वीटो का इस्तेमाल करर्ते हुए इस मसौदे को खारिज कर दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में एसजेएम के सह संयोजक अश्वनी महाजन ने कहा कि “पुलवामा खतरनाक आतंकी हमले ने समस्त देश को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे आतंकी समूहों को यदि कोई राष्ट्र सीधे यह मौन रूप से समर्थन करता है तो उसको आर्थिक फायदे उठाने से रोकने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए।”
भारत और चीन के मध्य व्यापार घाटे की काफी लम्बी खाई है, भारत को 60 अरब डॉलर का व्यापार घाटा होता है। चीन, भारत का बड़ा व्यापार साझेदार है। भारत से निर्यात फार्माटिकल्स कृषि उत्पादों पर चीनी विभाग ने अस्पष्ट कारणों का हवाला देकर पाबन्दी लगा दी है।
पाकिस्तान से भारत को आयातित 10 प्रमुख उत्पादों में ताजे फल, चमड़ा, पेट्रोलियम पदार्थ, सीमेंट आदि शामिल है। सूत्र के मुताबिक उन्हें 200 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी देनी होगी या काफी पेपर वर्क करना होगा। पुलवामा आतंकी हमले पर भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
साल 2017-18 में पाकिस्तान से भारत के आयात में 4885 लाख डॉलर का इजाफा हुआ था, जो 2016-17 में 4555 लाख डॉलर था। कस्टम ड्यूटी में वृद्धि से भारतीय बाज़ारों में पाकिस्तानी सामान की कीमतों में उछाल आएगा। पाकिस्तानी आयातित उत्पादों पर 200 फीसदी अतिरिक्त शुल्क लगाने का मतलब पाक से आयात पर प्रतिबन्ध है।