अमेरिका के नेतृत्ववाले प्रस्तावित साझा युद्ध अभ्यास के लिए चीन की नौसेना को आमंत्रण दिया गया था। दक्षिण चीनी सागर में चीन के बड़ते हस्तक्षेप के चलते अमेरिका ने अपने आमंत्रण को वापिस ले लिया हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय(पेंटागन) के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन के अनुसार, “चीन के दक्षिण चीनी सागर में बड़ते सैन्यीकरण, के चलते पीएलऐ नेवी(चीनी नौसेना) को 2018 पैसिफिक रिम में सहभाग के लिए दिए गए आमंत्रण को वापिस लिया गया हैं।”
चीनी नौसेना को दिए आमंत्रण को वापिस लेने के पीछे क्या कारन रहे, इसका जवाब पेंटागन के प्रवक्ता ने नहीं दिया। लेकिन प्रवक्ता ने चीनी के सैन्यीकरण के पुख्ता सबूत होने की बात कही। उनके अनुसार चीन ने विवादित दक्षिण चीनी सागर में एंटी शिप मिसाइल, जमीन से हवा में हमला करने की मारक क्षमतावाले सरफेस-टू-एयर मिसाइल, लड़ाकू हवाई जहाज और अन्य युद्ध में उपयुक्त साधनों की तैनाती की हैं।
चीनी विदेश मंत्री और स्टेट काउंसलर वांग यी ने अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पोम्पयो के साथ मुलकात के बाद, युद्ध अभ्यास के विषय पर कहा की “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।”
वांग यी ने चीन का रुख साफ़ करते हुए कहा, दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा कराया जा रहा सैन्यीकरण का हेतु आत्मरक्षा हैं, इसका हेतु किसी भी पड़ोसी देश को हानी पहुँचाना नहीं है। अमेरिका द्वारा हवाई और गुआम में कराये गए सैन्यीकरण के तुलना से यह तुलना में छोटा हैं।
“उम्मीद हैं की अमेरिका अपना नकारात्मक रवैय्या जल्द ही बदलेगा।”
पिछले कुछ दिनों से विवादित दक्षिण चीन सागर में स्थित स्पार्टी आइलैंड पर चीनी सैन्यीकरण में इजाफा हुआ हैं। पिछले दिनों चीन ने इस क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा नौसेना अभ्यास किया था, जिसका निरक्षण खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने किया था। अब चीनी वायुसेना के लड़ाकू जहाजों को भी तैनात किया गया हैं।
दक्षिण चीन सागर में चीन के बड़ते हस्तक्षेप से पड़ोसी देश फिलिपींस और वियतनाम परेशान हैं, वे अपना विरोध कई बार प्रकट कर चुके हैं।
अमेरिकी थिंक टैंक, सेण्टर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में चीन मामलों के जानकार ग्रेग पोलिंग के अनुसार, 12 मई को सॅटॅलाइट द्वारा ली गयी तस्वीरों से यह स्पष्ट होता है, कि चीन द्वारा सरफेस टू एयर और एंटी शिप मिसाइलों की तैनाती की हैं।
रिम ऑफ़ पैसिफिक युद्ध अभ्यास
रिम ऑफ़ पैसिफिक, विश्व का सबसे बड़ा साझा नौसेना अभ्यास हैं, जिसका आयोजन हर दो वर्ष के बाद होता हैं। अमेरिका की मेजबानी में होने वाले इस युद्ध अभ्यास में विश्व की कई नौसेनाए हिस्सा लेती हैं।
जून-जुलाई में हवाई में होने वाले इस युद्ध अभ्यास के पिछले संस्करण में चीनी नौसेना हिस्सा ले चुकी हैं।
अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिका-चीन के बीच चल रहे व्यापारिक असहमति के बावजूद चीन की उत्तर कोरिया पर दवाब डालने के लिए प्रशंसा कि थी।
अमेरिकी सरकार, विवादित दक्षिण चीनी सागर में चीन के बड़ते हस्तक्षेप के चलते अपनी चिंता प्रकट कर चूका हैं, और भविष्य में संभावित परिस्थितियों के बारे में चीन को आगाह करा चूका हैं।