अमेरिका और चीन के बीच छिड़े व्यापार जंग खतरनाक होती दिखाई दे रही है। बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि चीन की अपमानजनक व्यापार नीति पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने अब तक के सबसे कठोर निर्णय लिए है।
दो दिवसीय अर्जेंटीना में आयोजित जी-20 के सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग बैठक के इतर मुलाकात करेंगे।
डोनाल्ड ट्रम्प बीते जून माह से ही चीन से आयातित माल पर अतिरिक्त शुल्क बढ़ाते जा रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने बीजिंग से कहा कि करोड़ों के व्यापार घाटे को कम करे। चीन की कथित अन्यायपूर्ण व्यापार नीति नीति के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प का यह अब तक का सबसे कठोर फैसला है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि चीन के साथ व्यापार करने से अमेरिका को प्रतिवर्ष 500 बिलियन डॉलर का घाटा होता है। उन्होंने कहा अमेरिका की सेहत के लिए यह दुरुस्त नहीं है। विस्कॉन्सिन में आयोजित चुनावी रैली में समर्थकों को उत्साहित कर डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि चीन की अपमानजनक व्यापार रणनीति के खिलाफ अमेरिका ने सख्त कदम उठा लिए है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि अमेरिका के सख्त रवैये के कारण ही चीन हमारे साथ सौदा करना चाहता है। उन्होंने कहा वह डील करना चाहते हैं लेकिन मैंने कह दिया है कि तुम अभी तैयार नहीं हो। उन्होंने कहा राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक भले इंसान है और मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हम कुछ अच्छा करेंगे। उन्होंने कहा कि हर साल अमेरिका से 500 बिलियन डॉलर लिए जाते हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने पूर्व नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके राज में सभी देशों ने अमेरिका को लूटा है। उन्होंने कहा सोचिये, व्यापार में हमने 807 बिलियन डॉलर गवाएं है। किसने इन सौदों को मंज़ूरी दी। उन्होंने कहा कि देश समक्ष सभी तकते हैं और हमारे पास एक गुल्लक है इसीलिए सभी राष्ट्र आना चाहते हैं और हमे लूटते चाहते हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार की नई रणनीतियों पर वार्ता जारी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि हमने कनाडा और मेक्सिको के लिए कितना किया और दक्षिण कोरिया के लिए भी किया, हमने सभी के लिए किया। लेकिन अब वो राष्ट्र आयेंगे और हमसे नई सौदेबाजी करेगे क्योंकि उन्हें टैरिफ का डर होगा। उन्होंने कहा कि मैं अमेरीकी नागरिकों का ख्याल रख रहा हूं, मैं अमेरिकी जनता का ध्यान रख रहा हूं। उन्होंने कहा कि वैश्विक लोगों को हमारी चिंता नहीं है उन्हें बस विश्व की चिंता है, लेकिन मुझे अमेरिका की परवाह है।