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    दक्षिण कोरिया,जापान और अमेरिका

    दक्षिण कोरिया और जापान ने रूस और चीनी जंगी विमानों पर उनके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था और इसमें अपने एशियाई सहोयोगियों के समर्थन में विस्तार किया था। मंगलवार को दोकड़ो के नजदीक हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने की प्रतिक्रिया में दक्षिण कोरिया और जापान ने अपने विमानों को भेजा था।

    अमेरिका का सहयोग

    सीओल ने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के दौरान चेतावनी के लिए रूस के जंगी विमानों पर गोलीबारी भी की थी। दो चीनी एयरक्राफ्ट ने वायु रक्षा आइडेंटिफिकेशन क्षेत्र सुबह 6:44 बजे दाखिल हुए थे और दूसरा सुबह 7:49 बजे दाखिल हुआ था। यह एयरक्राफ्ट दो रुसी जंगी विमानों के साथ मिलकर आये थे। यह चारो एयरक्राफ्ट सुबह 8:40 पर वायु रक्षा आइडेंटिफिकेशन क्षेत्र में एकत्रित हुए थे और वहां 24 मिनट तक रहे थे।

    इस वारदात के बाद सीओल ने विदेशी सैन्य विमानों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की पहली घटना करार दिया था दक्षिण कोरिया ने रूस के समक्ष एक अधिकारिय शिकायत दर्ज की है। जबकि जापान ने देश के इस कदम के खिलाफ विरोध व्यक्त किया है।

    पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल डेव ईस्टबर्न ने कहा कि “अमेरिका मजबूती से दक्षिण कोरिया और जापानी सहयोगियों  का समर्थन करता है और साथ ही रूस और चीनी जंगी विमानों का उल्लंघन करने पर दोनों मुल्को की प्रतिक्रिया का भी सहयोग करता है।”

    रूस और चीन की गतिविधियों पर निगरानी

    उन्होंने कहा कि “रक्षा मंत्रालय अपने जापानी और कोरियाई सहयोगी के साथ उनकी इस वारदात की गतिविधियों पर नज़र बनाये हुए हैं। हम चीन और रूस की आगे की गतिविधियों पर निगाह बनाये रखेंगे।” इस वारदात के बाद दक्षिण कोरिया ने जापान के दोकड़ो पर दावे को ख़ारिज कर दिया था।

    उन्होंने कहा कि “दोकड़ो हमारी आंतरिक भूभाग में इतिहास से हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत है। हम जापान के पक्ष को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।”

    दक्षिण कोरिया के रक्षा अधिकारीयों ने कहा कि “मंगलवार को दो चीनी एयरक्राफ्ट भी दक्षिण कोरिया के वायु रक्षा आइडेंटिफिकेशन क्षेत्र में दाखिल हुए थे। एक विमान देश की सीमा से 12 नॉटिकल मील की दूरी पर था जो नियंत्रण के स्थान पर था और एयरक्राफ्ट की दिशा को नियंत्रित कर रहा था।”

     

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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