अमेरिका के बाद चीन सबसे अधिक रक्षा में निवेश करता है और इस भारी रक्षा बजट का चीन ने बचाव किया है। इस रक्षा बजट में बढ़ोतरी का संकेत देते हुए चीन ने कहा कि उसने किसी अन्य देश के लिए कोई खतरा पैदा नही किया है।
चीन र प्रधानमंत्री लो कुआंग मंगलवार को नेशनल पीपल कांग्रेस में आयोजित सालाना सम्मेलन में अपने कामकाज के आंकड़े मुहैया करेंगे। पाकिस्तान का रक्षा बजट मात्र 11 अरब डॉलर है जो भारत के बजट से पांच गुना कम है। पाकिस्तान की तुलना में चीन का रक्षा बजट 16 गुना अधिक है।
साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट के मुताबिक एनपीसी के प्रवक्ता झांग यसुई ने पत्रकारों से कहा कि कोई देश किसी अन्य देश के लिए सैन्य खतरा उत्पन्न कर रहा है या नही, यह रक्षा बजट पर नही बल्कि उस देश की विदेश और राष्ट्रीय नीति के आधार पर सोचना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि हमारे देश का रक्षा बजट के अन्य विकासशील देशों की तुलना में काफी कम है। भारत का रक्षा बजट 58 अरब डॉलर है। बीते पांच वर्षों में चीन ने रक्षा बजट में रिकॉर्ड वृद्धि की है।
झांग ने अन्य देशों के साथ तुलना करते हुए कहा कि चीन का रक्षा बजट हमारी जीडीपी का मात्र 1.3 फीसदी है। विकासशील देश रक्षा में अपनी जीडीपी का दो फीसदी इस्तेमाल करते हैं। चीन ने हमेशा विकास के शांतिपूर्ण मार्ग का पक्षधर रहा हैं और हम हमेशा रक्षात्मक राष्ट्रीय रक्षा नीति को अपनाता है।
बीते वर्ष अमेरिका ने 717 अरब डॉलर का रक्षा बजट पारित किया था। इस वर्ष भारत के रक्षा बजट में 6.87 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
चीन ने अपनी थल सेना में 50 फीसदी की कमी की है। 20 लाख से ज्यादा सैनिक नौसेना और वायु सेना में बढ़ाये हैं। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सैन्य व्यवस्था में सुधार करना चाहते है और उसे आधुनिक बनाने पर जोर दे रहे हैं।
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले पांच सालों में तीन लाख सैनिकों को कम कर दिया है। इसके बावजूद चीनी सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेना है।चीन की सेना की पांच शाखाये हैं, वो थल सेना, वायु सेना, जल सेना , स्ट्रेटेजिक सपोर्ट फ़ोर्स और स्ट्रेटेजिक एंड टैक्टिकल मिसाइल ऑपरेटर शुमार है।