चीन के शिनजियांग प्रान्त की सरकार ने धार्मिक अतिवादियों कर प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण शिविरों को बनाने का कानून पारित किया है।
गौरतलब है कि चीन विभाग ने हाल ही में धार्मिक अतिवादियों के लिए प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन के आरोपों को नकारा था। लेकिन अब चीन के शिनजियांग प्रान्त की सरकार इसे वैध करार देती दिखाई दे रही है।
संशोधित कानून के मुताबिक प्रशिक्षण शिविरों में चीनी कानून, नियम तकनीकी कौशल और राष्ट्रीय भाषा सिखायी जाएगी। चरमपंथियों को समाज के व्यवहार और मनोविज्ञान के विषय मे पढ़ाया जाएगा ताकि उन्हें वापस समाज और उनके परिवार का हिस्सा बनाया जा सके।
चीन ने शिनजियांग प्रान्त में धार्मिक गतिविधियों पर कड़े नियम बना रखे हैं। बीजिंग ने इन क्षेत्र में उइगर मुस्लिमो पर दमनकारी नीतियों का प्रयोग किया है। सरकार ने आरोप लगाया कि उइगर मुस्लिम स्वतंत्र देश की मांग के लिए हिंसक रुख अपना रहे हैं। यह के स्थानीय मुस्लिम नेता उरूमकी इस रैली का नेतृत्व कर रहे थे।
नए कानून के मुताबिक पुलिस सहित सभी अधिकारियों को ये घोषणा करनी होगी कि वे कम्युनिस्ट पार्टी के निष्ठावान नेता है और वे धार्मिक भक्ति में विश्वास नहीं रखते हैं।
उन्हें लेनिनवादी और मार्क्सवादी के प्रति वफादार रहना होगा और हलाला विरोधी अभियान के खिलाफ लड़ना होगा।
चीन ने शिनजियांग प्रान्त में उइगर मुस्लिमों की धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदिया लगा दी थी। साल 2017 में प्रशासन ने धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी मसलन लंबी दाढ़ी और बुरका पहनना मना था।
चीन ने उइगर के अलावा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी थी। ईसाई धर्म के लोगों के सार्वजनिक स्थानों पर बने प्रार्थनाघर यानी गिरिजाघर को ढ़हाया। साथ ही इनके धार्मिक चिन्ह क्रॉस को भी ध्वस्त किया। चीन ने धार्मिक पुस्तकों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगा दी थी।