संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल करने का मसौदा रखा गया था और 13 मार्च को यूएन इस पर निर्णय लेगा। चीन ने बुधवार को संकेत दिया कि वह इस दफा भी मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल होने बचा लेगा।
चीन ने कहा कि इस मसले का समाधान ही सभी पक्षों को स्वीकृत होगा। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि “चीन जिम्मेदाराना व्यवहार निभाना जारी रखेगा और यूएनएससी समिति के विचार विमर्श में शामिल होगा।” मसूद अज़हर को घोषित करने के बाबत चीन ने कहा कि “मैं कहना चाहता हूँ कि चीन ने हमेशा जिम्मेदाराना व्यवहार किया है, सभी पक्षों की सहमति ही इस समस्या का समाधान है।”
उन्होंने कहा कि “मैं कहना चाहता हूँ कि सम्बंधित संस्था के नियम और प्रक्रिया का पालन करना जरुरी है।” हाल ही चीनी उप विदेश मंत्री कोंग सुआनयोउ ने पाकिस्तान की यात्रा की थी और दोनों पक्षों से संयमता से पेश आने का आग्रह किया था। पाकिस्तान ने चीन के निष्पक्ष और उद्देश्य की सराहना की थी और तनाव कम करने में चीन के प्रयासों के लिए कहा था।
चीन ने सोमवार को भारत और पाकिस्तान के मध्य जारी तनाव पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि क्षेत्रीय शान्ति और स्थिरता से सम्बंधित सभी अनुकूल प्रयासों का समर्थन करते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि “दोनों ही दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश हैं और हमें यकीन है कि चर्चा और बातचीत वे अपने विवादों का समाधान निकाल सकते हैं।”
14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 सैनिकों की मृत्यु हो गयी थी। यूएनएससी के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव रखा था। जिसके तहत अज़हर पर सख्त प्रतिबन्ध लगाए जायेंगे।
चीन ने तीन बार मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल करने पर अड़ंगा लगाया है। संयुक्त राष्ट्र नें जैश-ए-मोहम्मद को साल 2001 में वैश्विक अन्तराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था। भारत के मुताबिक यूएन में मसूद अज़हर को बचाने वाला मात्र चीन ही है। मसूद अज़हर को 13 मार्च को यूएन वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल कर देगा यदि कोई सदस्य इस पर आपत्ति दर्ज नहीं करेगा।