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    मेगा स्तरीय क्षेत्रीय बाजार भारत चीन

    चीन ने भारत के साथ मेगा स्तरीय क्षेत्रीय बाजार खोलने की लालच भरी पेशकश की है। एक शीर्ष चीनी योजनाकार ने कहा कि चीन व भारत देशों में रहने वाले कुल 2.5 अरब से अधिक लोगों की भारी मांगों को पूरा करने के लिए एक क्षेत्रीय बाजार स्थापित करने की जरूरत है। चीन ऐसा करने से भारत के व्यापार पर भी अपनी पकड़ बनाना चाहता है।

    दरअसल चीन के विकास अनुसंधान केन्द्र के अध्यक्ष लीवी व भारत के नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के बीच तीसरे वार्षिक बैठक की बातचीत सम्पन्न हुई।

    इस बैठक में चीन के ली वी ने कहा कि भारत व चीन ऐसे देश है जिनकी जनसंख्या 1 अरब से काफी ज्यादा है। इसलिए यहां रहने वाले लोगों की व्यापारिक मांग भी अधिक तरीके से बढ़ रही है।

    ऐसे में भारत व चीन को मिलकर एक मेगा स्तरीय क्षेत्रीय बाजार का निर्माण करना चाहिए। जिससे दोनों देशों के नागरिकों की आवश्यक जरूरतों को पूरा किया जा सके।

    ली वी ने कहा कि हम अपने बाजारों को गहरे स्तर पर एकीकृत कर सकते है और मेगा स्तरीय क्षेत्रीय बाजार बना सकते हैं जो दोनों देशों के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।

    ली वी ने राजीव कुमार के चीन के 1.4 अरब लोगों व भारत के 1.2 अरब लोगों को साथ बाजार में लाने का अनुरोध किया। चीन ने बैठक के दौरान कहा कि मेगा स्तरीय क्षेत्रीय बाजार से दोनों देशों को तुलनात्मक रूप से अधिक लाभ व फायदा होगा। साथ ही दोनों देशों की वैश्विक प्रतियोगिता में बेहतर स्थिति होगी।

    बीआरआई के बारे में की संक्षेप में बात

    इस बैठक मे ली वी ने चीन के महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड पहल के बारे में संक्षेप में बात की। लेकिन भारत शुरूआत से ही इस प्रोजेक्ट में शामिल होने से इंकार कर रहा है।

    दरअसल चीन का बीआरआई के तहत सीपीईसी प्रोजेक्ट पाकिस्तान के पाक-अधिकृत कश्मीर वाले रास्ते से होकर गुजरने वाला है। भारत ने 50 अरब डॉलर के सीपीईसी प्रोजेक्ट के पीओके से गुजरने को लेकर विरोध जता रखा है।