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    चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा

    भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के मंच से पाकिस्तान को आतंकवादी देश करार दिया था। इसके जवाब में अब चीन ने पाकिस्तान का बचाव किया है।

    चीनी अख़बार ग्लोबल टाइम्स में लिखे एक लेख के अनुसार भारत द्वारा बार बार पाकिस्तान को आतंकवादी देश करार देना सही नहीं है। सुषमा स्वराज ने चीन द्वारा मसूद अज़हर को अंतराष्ट्रीय आतंकवादी करार ना दिए जाने का भी जिक्र किया था। इस पर चीन ने कहा है कि भारत द्वारा चीन पर इस तरह आरोप लगाना सही नहीं है।

    चीन के मुताबिक सुषमा स्वराज के इस भाषण से पूरा भारत बहुत खुश है। लेकिन अपनी शक्ति पर गर्व करने वाले भारत को इस तरह अपने पड़ोसी देशों पर आरोप लगाना शोभा नहीं देता। एक देश जो इंजीनियर और डॉक्टर पैदा करने पर नाज करता है, वह अपने ही देश में विवादों को सुलझाने में लगातार नाकाम साबित होता है।

    इसके बाद चीन ने भारत के राष्ट्रवाद पर निशाना बनाते हुए कहा है कि भारत में राष्ट्रवाद इस कदर बढ़ रहा है, कि यह डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका को भी पीछे छोड़ रहा है। इस कारण से यदि भारत की कोई योजना सफल नहीं होती है, तो वह दूसरे देशों पर इसका आरोप लगाता है।

    इसके बाद चीन ने पाकिस्तानी आतंकवाद के बारे में कहा कि यह सही है कि पाकिस्तान में आतंकवाद है। लेकिन क्या पाकिस्तानी सरकार आतंकवाद का साथ दे रही है? इससे पाकिस्तान को क्या फायदा मिलेगा? क्या भारत सच में शक्तिशाली देश है, जब बार बार यह पाकिस्तान को नीचा दिखने में लगा है?

    चीन ने इसके बाद डोकलाम विवाद पर कहा कि जब चीन डोकलाम में रोड़ बना रहा था तब भी भारत को इसके खतरा दिख रहा था। अब चीन पाकिस्तान के साथ मिलकर वन बेल्ट वन रोड़ बना रहा है, तब भी भारत को इससे एतराज है। चीन के मुताबिक भारत को पडोसी देशों से खतरा महसूस करना बंद करना चाहिए।

    चीन के मुताबिक भारत को विकास की राह पर चलने के लिए चीन और पाकिस्तान का सम्मान करना चाहिए। 21 वी सदी में भारत को इतिहास की तर्ज पर घुसपैठ और कब्ज़ा करने वाली सोच को त्यागना होगा। भारत को चीन से दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए और चीन के साथ मिलकर रहना चाहिए।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।