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    चीन

    देश में अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद सजग है। ऐसे में चीन द्वारा देश को बराबर आँख दिखाये जाने के बाद भी भारत ने इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास करने का इरादा बनाया है।

    दोनों देशों की जल सेनाओं के द्वारा संयुक्त रूप से किए जाने वाले इस युद्धाभ्यास को ‘समुद्र शक्ति’ नाम दिया गया है।

    गौरतलब है कि इस वर्ष प्रधानमंत्री ने इंडोनेशिया का दौरा करते हुए दोनों देशों के बीच परस्पर स्वस्थ सम्बन्धों की नीव रखी थी।

    अपनी रणनीति पर आगे बढ़ते हुए भारत हिन्द महासागर पर अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहता है। इसके चलते देश अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने ‘अच्छे संबन्धों’ का भी इस्तेमाल कर रहा है।

    ‘समुद्र शक्ति’ में शामिल होने के लिए आईएनएस राणा को विशाखापत्तनम से दक्षिण पूर्वी एशिया स्थित सुरभाया पोर्ट के लिए रवाना कर दिया गया है।

    मालूम हो कि दोनों देशों के बीच यह साझा युद्धाभ्यास 12 से 18 नवंबर तक चलेगा।

    भारतीय नेवी के अधिकारी कैप्टन डीके शर्मा का कहना है कि “इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच के रिश्तों को परस्पर मजबूत करना है।”

    भारतीय युद्धपोत का इंडोनेशिया सीमा में प्रवेश ही दोनों देशों के मजबूत रिश्तों की आजमाइश कर रहा है।

    गौरतलब है कि इंडोनेशिया ने भारत को सब-मरीन सेवा उपलब्ध कराने का भी वादा किया है। ऐसे में देश की सीमा सुरक्षा अब और भी अधिक चक चौबन्द होने के असर हैं।

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