एक मुख्य चीनी अख़बार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन की बढ़ती प्रभुता को रोकने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं। इसके मुताबिक पहला जहाँ पाकिस्तान अमेरिका के लिए एक जरूरी साथी था, अब वह स्थान भारत नें ले लिया है।
जाहिर है पिछले सप्ताह भारत और अमेरिका नें मिलकर 2+2 डायलाग किया था, जिसमें दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई थी।
इसके जवाब में चीनी सरकार अख़बार ग्लोबल टाइम्स नें एक सम्पादकीय लेख छापा है। आपको बता दें कि ग्लोबल टाइम्स चीन की कम्युनिस्ट सरकार का अखबार है और इस अख़बार में सरकार के नजरिये का जिक्र किया जाता है।
इसमें आगे कहा गया है कि अमेरिका की एशिया नीति में पिछले कुछ समय में काफी बदलाव आया है।
इस लेख के मुताबिक जहाँ एक ओर अमेरिका नें पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सहायता राशि बंद कर दी है, वहीँ अमेरिका नें भारत के साथ मिलकर कई ऐसे रक्षा सम्बन्ध बनाये हैं, जो वह अपने करीबी देशों के साथ करता है।
अख़बार नें यह भी कहा कि ट्रम्प के नेत्र्तव में अमेरिका का फोकस अब वैश्विक आतंकवाद से अलग हटकर कुछ देशों को रोकने पर लग गया है।
जाहिर है डोनाल्ड ट्रम्प नें पिछले एक साल में पाकिस्तान और भारत के विरुद्ध जो नजरिया अपनाया है, उससे सब साफ़ हो जाता है।
सबसे पहले पिछले साल सितम्बर में जब ट्रम्प नें अमेरिका की एशिया नीति पर बातचीत की थी, तो उसमें कहा था कि अमेरिका एशिया में भारत को एक जरूरी साथी देश मानता है और भारत के साथ मिलकर कई मुद्दों पर कार्य करना चाहता है।
इसके बाद ट्रम्प नें पाकिस्तान पर निशाना साधा और कई पार पाकिस्तान पर जवाबी हमले किये। ट्रम्प नें साल 2018 के पहले ही अपने ट्वीट में पाकिस्तान को घेरते हुए कहा कि पाकिस्तान नें अमेरिका का फायदा उठाया है और अमेरिका का आतंकवाद से लड़ने में कोई सहयोग नहीं किया है।
ट्रम्प नें यह भी कह दिया था कि पाकिस्तान अपने देश में आतंकवादियों को शरण देता है और हर साल अमेरिका से करोड़ों डॉलर की सहयोग राशि भी लेता है।
इसके बाद इस साल 1 सितम्बर को अमेरिका नें पाकिस्तान को दे जाने वाली अंतिम 30 करोड़ डॉलर की राशि पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है।
चीन को दरअसल लगता है कि अमेरिका चीन के प्रभुत्व को रोकना चाहता है और इसके लिए उसे भारत की जरूरत जरूर पड़ेगी।
सुचना स्त्रोत: ग्लोबल टाइम्स