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    पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग

    पाकिस्तान और चीन के मध्य चलने वाली बस सुविधा का प्रारंभ सोमवार रात को कर दिया गया है। यह बस सुविधा पाकिस्तान के लाहौर को चीन के काश्गर तक जोड़ेगी। सोमवार रात को पहली बस को रवाना कर दिया गया है। एक मार्ग के सफ़र को यह बस 30 घंटे में पूरा कर लेगी। यह बस पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरेगी, जिसका भारत लगातार विरोध करता रहा है।

    हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि इस कश्मीर बस सुविधा का पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने के कारण भारत इस बस सुविधा का विरोध करता है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरने के कारण भारत चीन की परियोजना सीपीईसी का भी विरोध करता रहा है।

    इस बस सुविधा को शुरुआत में 3 नवम्बर को हरी झंडी दिखानी थी लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे टाल दिया गया था। यात्रियों के लिए इस बस के टिकट के लिए 23000 पाकिस्तानी रुपए अदा करने होने जबकि एक मार्ग की यात्रा के लिए 13000 प्रति व्यक्ति कीमत अदा करनी होगी।

    पाकिस्तान और चीन के मध्य कोई सीमा नहीं है। इस बस सुविधा को पाक अधिकृत कश्मीर से गुजारने के मतलब भारत की संप्रभुता का उल्लंघन करना है। भारतीय विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने 1 नवम्बर को कहा था कि इस बस सुविधा का पीओके से गुजरने का मतलब भारत की संप्रभुता और अखंडता का उल्लंघन है।

    पाकिस्तान और चीन के मध्य साल 1963 में हुए अवैध और गैर कानूनी कथित सीमा समझौते पर भारत के मत से सभी अच्छी तरह अवगत हैं। भारत सरकार इस अवैध समझौते को कभी मान्यता नहीं देगी। पाकिस्तान और चीन के मध्य कोई सीमा नहीं है। दोनों राष्ट्र केवल पीओके के माध्यम से जुड़ते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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