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    चीन और पाकिस्तान

    चीन ने सोमवार को जम्मू कश्मीर में किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया है जो हालातो को ज्यादा जटिल बना दे। उन्होंने कहा कि इस मामले को यूएन के विशेषाधिकारो, सम्बंधित यूएन सुरक्षा परिषद् नियम और द्विपक्षीय समझौते के आधार पर शांतिपूर्ण तरीके से हल करना चाहिए।

    चीन ने भी कहा कि वह जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति में ज्यादा ध्यान देंगे। चीन के विदेश मंत्री वांग यी पाकिस्तान की दो दिवसीय यात्रा पर है। दोनों पक्षों ने जम्मू कश्मीर की स्थिति पर विचारो का आदान-प्रदान किया था। पाकिस्तानी पक्ष ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने चिंताओं, स्थिति और तत्काल मानवीय मामलो के बारे में चीनी पक्ष को बताया था।

    चीनी पक्ष ने प्रतिक्रिया दी कि वह जम्मू कश्मीर की मौजूदा स्थिति पर करीबी से ध्यान दे रहे हैं और दोहराया कि कश्मीर एक ऐसा विवाद है जो इतिहास ने छोड़ दिया है और इसे सही तरीके और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जायेगा। चीन किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध करता है जो स्थिति को जेल बनाती हो।

    पाकिस्तान के आग्रह पर चीन ने यूएन सुरक्षा बैठक को बुलाने की मांग की थी। भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। यूएन की बैठक के बाद चीन और पाकिस्तान ने खुद को अलग-थलग पाया था।

    संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत और स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि “भारतीय संविधान के आर्टिकल 370 को हटाना भारत का पूरी तरह आंतरिक मामला है।”

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने चीन के विरोध को खारिज किया है और यह भारत का अंदरूनी मामला है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 को संसद में 5 अगस्त को लागू किया गया था।

    कुमार ने कहा कि “भारत किसी दूसरे देश के आंतरिक मामले में टिप्पणी नहीं करता है और दूसरे देशो से भी यही अपेक्षा रखता है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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