चीन और पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के मामले पर सहयोग को मज़बूत करने पर सहमति जाहिर की है। साथ ही अफगान नियंत्रिक और अफगान स्वामित्व शान्ति और सुलह प्रक्रिया की जरुरत का समर्थन किया है ताकि देश में 18 वर्षों की जंग को खत्म किया जा सके।
चीन-पाक की रजामंदी
यह संयुक्त बयान चीनी विदेश मन्त्री वांग यी की पाकिस्तान की दो दिवसीय यात्रा के निष्कर्ष में दिया है। उन्होंने कहा कि “तालिबान और अमेरिका के बीच वार्ता में हासिल सकारात्मक प्रगति का दोनों पक्ष स्वगत करते हैं। उन्होंने देश के सभी राजनीतिक हितधारको से आन्य्त्रिक अफगान वार्ता की पहल करने का आग्रह किया है।
यह पहल भविष्य की राजनीतिक संरचना का निर्माण करेगी जो सभी पक्षों को मंज़ूर होगा और और जल्द ही अफगानिस्तान में शान्ति और स्थिरता की बहार आएगी। क़तर की राजधानी दोहा में तालिबान और अमेरिका कई महीनो से वार्ता कर रहे हैं।
तालिबान और अमेरिका शान्ति समझौते के काफी करीब है और इसके तहत अमेरिका अफगानी सरजमीं से सैनिको को वापस बुलाएगा और इसके बदले में तालिबान आश्वस्त करेगा कि वह अपनी सरजमीं का इस्तेमाल आतंकवादी समूहों को नहीं करने देगा।
अफगानिस्तान में अभी अमेरिका के 14000 सैनिक मौजूद है और वह न्यूनतम स्तर तक सैनिको की संख्या को कम करने की कोशिश करेंगे। अफगानिस्तान के नंगरहार प्रान्त में सिलसिलेवार हमले से 66 लोग बुरी तरह घायल हो गए हैं। यह हमला जलालाबाद शहर में अंजाम दिया गया था और इस दिन अफगानिस्तान का 100 वां स्वतंत्रता दिवस था।