चीन और पाकिस्तान ने अंतिरक्ष की खोज, अंतरिक्ष विज्ञान सहयोग के नए चरण और इसमें मानव अभियान भी शामिल था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन की दूसरी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में शिरकत के लिए यात्रा की थी। इस दौरान 27 अप्रैल को दोनों सदाबहार देशों ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे। यह सूचना चीन नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने जारी की है।
आधिकारिक मीडिया ने बताया कि यह अंतरिक्ष समझौता स्पेस साइंस एंड खोज के सहयोग में उच्च स्तर की नींव रखी है। दोनों राष्ट्र वैज्ञानिक और तकनीकी प्रयोग करेंगे, अंतरिक्षयात्री प्रशिक्षण और परिवर्तन हासिल करेंगे। हाल ही में भारत ने सफलतापूर्वक एंटी सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट किया था।
इस मिसाइल टेस्ट के बाद अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत विश्व की सूची में ऐसा कारनामा करने में चौथे नंबर पर आ गया था। इसमें दुश्मन की सैटेलाइट को मार गिराने की रणनीतिक क्षमता होती है। चीन ने जनवरी 2007 में यह परीक्षण किया था।
इस समझौते के तहत सीएनएसए और पाकिस्तान स्पेस एंड अपर एटमॉस्फेयर रिसर्च कमीशन मिलकर एक चीन -पाक स्पेस कमिटी का गठन करेंगे जिसमे दोनों पक्षों के आला अधिकारी शामिल होंगे।
मून पर अभियान के आलावा चीन सफलतापूर्वक मानवीय अभियान के साथ अंतरिक्ष कार्यक्रम को आधुनिक करना चाहता है। चीन अपना स्पेस स्टेशन का निर्माण कर रहा है जो साल 2022 तक पूरा हो जायेगा। साथ ही उन्होंने मंगल और बृहस्पति पर स्पेसक्राफ्ट भेजने की योजना जाहिर की है।
विश्लेषकों ने गलोबल टाइम्स के हवाले से कहा कि “चीन और पाकिस्तान के बीच इस समझौते से बाहरी अंतरिक्ष के इस्तेमाल पर गहरा सहयोग होगा।” चीन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज के लान जिअनसुए ने कहा कि “चीन और पाकिस्तान सदाबहार दोस्त है। पाकिस्तान के तकनीकी विकास में चीन मदद मुहैया करने के इच्छुक है। यह समझौते पाक्सितान के लिए प्राकृतिक आपदा और कृषि उत्पादन, भूमि और संसाधन व अन्यय के बाबाद सैटेलाइट मॉनिटरिंग में मदददगार साबित होगा। ”
साल 2018 में चीन ने पाकिस्तान की दो सैटेलाइट को ऑर्बिट में भेजा था। पीआरएसएस-1 पाकिस्तान की पहली ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है और पाकटीईएस-1 ए एक छोटा ऑब्जरवेशन एयरक्राफ्ट है।