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    भारत और चीन सम्बन्ध

    भारत और चीन के बीच डोकलाम में चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन का कहना है कि मोदी सरकार और उनका हिन्दू राष्ट्र का सपना इस विवाद के जिम्मेदार है।

    चीन ने अपने सरकारी अख़बार में छापे एक लेख में कहा कि जब से भारत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनी है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तबसे देश में हिंदुत्व के लिए अभियान चलाया जा रहा है। चीन के अनुसार यही हिंदुत्व का सपना भारत को चीन से उलझने की प्रेरणा दे रहा है।

    इसके साथ ही चीन ने भारतीय एकता पर भी हमला करते हुए कहा है कि भारत में अल्पसंख्यकों को सामान अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। चीन ने बताया कि भारत के 29 राज्यों में से 17 में भाजपा की सरकार है। ऐसे में देश तेजी से हिंदुत्व की और बढ़ रहा है। चीन का दावा है कि वैसे तो भारत अपने आप को एक धर्म निरपेक्ष देश बताता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

    चीन के मुताबिक हिन्दू राष्ट्रवाद ही भारत के पतन का कारण बनेगा। चीन ने कहा कि एक और जहाँ राष्ट्रवाद भारत को एकता प्रदान करता है, वहीँ दूसरी और यह भारत के विकास में एक रोड़ा बना हुआ है। चीन का मानना है कि भारत को एक आधुनिक देश बनाने के लिए राष्ट्रवाद का रास्ता छोड़ना होगा।

    इस लेख में यह भी लिखा गया कि भारत में धर्म और जाती के नाम पर हमेशा से ही राजनीती हो रही है। भारत में कोई भी छोटी पार्टी उठकर राष्ट्रीय पार्टी बन सकती है। इसके मुताबिक भाजपा की विजय का एकमात्र कारण हिंदुत्व है। इसके बावजूद चीन ने यह माना कि भाजपा की वजह से भारत की जनता ने जाती-पात से ऊपर उठकर वोट दिए।

    जाहिर है डोकलाम में पिछले दो महीने से भारतीय सैनिक चीन का रास्ता रोके हुए हैं। इसपर चीन ने हर तरीके से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर ली है। शुरुआत में चीन ने युद्ध की धमकी देकर भारत को डराने की कोशिश की, लेकिन अब वह मीडिया और बयानबाजी पर उतर आया है। ऐसे में भारत और चीन संबंध बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।