चीनी विदेश मंत्री ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन की साझेदारी बहुत जरूरी है। दोनों देशों ने हाल ही में उत्पन्न हुए डोकलाम विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया और यह दोनों देशों के लिए अच्छी बात है।
इससे पहले मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने घोषणा की थी, कि 3 सितम्बर से चीन में होने वाल ब्रिक्स सम्मलेन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे। यह फैसला दोनों देशों की सेनाओं के डोकलाम में पीछे हटने के एक दिन बाद आया था।
चीन ने नरेंद्र मोदी के ब्रिक्स सम्मलेन में आने की खबर को दोनों देशों के लिए अच्छा बताया था। चीन ने डोकलाम विवाद के सुलझने को एशिया की जीत बताया था। चीन के मुताबिक दोनों देशों ने समझदारी का उदाहरण देते हुए इस विवाद को सुलझाया है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, ‘दो बड़े देश होने के कारण दोनों देशों में कुछ टकरार होते रहते हैं। इसपर जरूरी यह है कि किस तरह दोनों देश समस्या को सुलझाते हैं और किस तरह दोनों देशों के नेता आपसी मन-मुटाव का हल निकलते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं, कि चीन और भारत एक साथ मिलकर काम करें और विश्व की शांति और विकास के लिए एपीआई हिस्सेदारी दें।’
चीन की और से प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति की अकेले में मुलाक़ात के बारे में कुछ नहीं कहा गया। चीन ने कहा कि यदि दोनों नेता चाहेंगे और पर्याप्त वक़्त होगा, तो ऐसा संभव हो सकता है। चीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते किसी सीमा विवाद से कहीं बड़े हैं। और इनपर विवादों का कोई असर नहीं पड़ेगा।
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आपको बता दें कि 3 सितम्बर से चीन में ब्रिक्स सम्मलेन होगा जिसमे ब्रासिल, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता शामिल होंगे। इस सम्मलेन में विश्व के विकास में अपनी – अपनी साझेदारी के बारे में बात की जाती है। पिछले सम्मलेन भारत के गोवा राज्य में हुआ था।