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    चीन और नेपाल

    चीन-नेपाल सीमा पर स्थित जहाम बंदरगाह को मालवाहक जहाजों की सुविधा के लिए बहाल कर दिया गया है। चार वर्षों पूर्व यह भयानक भूकंप के कारण इसे बंद कर दिया गया था और इससे हज़ारो नागरिको की मौत हुई थी। तिब्बत की क्षेत्रीय सरकार के प्रवक्ता ताशी ग्यास्तो ने कहा कि “इसे भूवैज्ञानिक आपदा संरक्षण और नियंत्रण, बिजली आपूर्ति, सड़कों के पुनर्निर्माण, जलसंरक्षण, संयुक्त निरिक्षण और सीमा पार सुविधाओं की तस्सली के बाद ही कार्गो सर्विस को बहाल किया गया है।”

    सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, चीन और नेपाल बुधवार को दोबारा बंदरगाह को खोलने के लिए एक समारोह का आयोजन करेंगे। चीन और नेपाल की सीमा में जहाम बंदरगाह सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाह है। भूकंप से पूर्व इस बंदरगाह से दोनों देशों के बीच 90 फीसदी व्यापार होता था।

    25 अप्रैल 2015 को आये भूकंप ने नेपाल और तिब्ब्बत के कुछ सीमा क्षेत्रों में तबाही मचा दी थी। इस भूकंप से जहाम बंदरगाह, सड़को, पुलों और अन्य ढांचों को काफी क्षति पंहुची थी। जिसके वजह से मज़बूरन इस बंदरगाह को बंद करना पड़ा था।

    तिब्बत क्षेत्रीय वाणिज्य विभाग के उप प्रमुख यांग गोलिआंग ने कहा कि “वैज्ञानिक आंकलन के बाद ही कार्गो सुविधा को बहाल किया गया है। सुरक्षा कारणों से बंदरगाह पर तैनात कर्मचारी अन्य नोटिस तक वही रुक जायेंगे।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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