नेपाल के प्रधानमंत्री खड़ग प्रसाद शर्मा ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद काठमांडू का झुकाव चीन की तरफ बढ़ा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि साल 2015 के बाद भारत और नेपाल के लोगों के बीच थोड़ी दूरियां बढ़ी है। नेपाल को तिब्बत से जोड़ने वाला पुल साल 2015 में भूकंप की वजह से तबाह हो गया था। चीनी विभाग ने सीनो-नेपाली मैत्री पुल के दोबारा निर्माण की घोषणा की थी।
25 अप्रैल 2015 में आये भूकंप में यह पुल रसुवागढ़ी (नेपाल-चीन रोड) में जर्जर हो गया था। यह नेपाल और तिब्बत के मध्य प्रमुख व्यापार मार्ग है। नेपाल और चीन ने पुलके निर्माण को लेकर इसी वर्ष 21 जून को एक समझौते पर दस्तखत किये थे।
रसुवागढ़ी के प्रमुख जिला अधिकारी कृष्णा पौडेल ने कहा कि कुछ दिनों पूर्व ही चीन ने इस ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीन के लिए महत्वपूर्ण इस ब्रिज का निर्माण कार्य मई 2019 तक संपन्न हो जायेगा।