चीन ने इस साल की शुरुआत से ही धार्मिक प्रकाशन को बेचने या प्रकाशित करने पर कार्रवाई की गति को बढाया है। देश की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि गैरकानूनी पब्लिकेशन और पोर्नोग्राफी को जड़ से उखाड़ रहा है। इस कार्रवाई का उद्देश्य पब्लिकेशन्स और सूचना पर नियंत्रण करना है जो चीन की समाजवादी प्रणाली या पार्टी के नेतृत्व को कमजोर करे या तोड़े।
यह दस्तावेजो के प्रकाशन और कॉपी सर्विसेज, ऑनलाइन सेल्स प्लेटफार्म, पब्लिकेशन के होलसेल मार्किट और पोस्टल व लोजिस्टिक सर्विसेज पर सख्त नियंत्रण करेगा। चीन में धार्मिक उदारता और मानव अधिकार पर आधारित मैगजीन बिटर विंटर में एक गोपनीय दस्तावेज के मुताबिक, इस कार्रवाई का मकसद असल में चीन में धार्मिक उदारता पर कार्रवाई करना है।
इस कानून को इस वर्ष अप्रैल में पारित किया गया था और इसमें तस्करी, मेल और पोस्ट के जरिये विदेशो से आने वाले धार्मिक प्रकाशन और प्रकाशित पदार्थो का अवरोध, जांच और इससे डील करना है। इन पैकेज को भेजने वालो और इसे रिसीव करने वालो के मोबाइल नंबर पंजीकृत होने चाहिए।
बगैर मंज़ूरी की बाइबिल, इस्लाम शिनजियांग या तिब्बत पर किताब और दक्षिण कोरिया में ईसाई धर्म पर जांच के दौरान कार्रवाई की जाएगी। फालुन गोंग और चर्च से सम्बंधित प्रकाशको पर मेल करने पर पाबन्दी लगा दी है। हाल ही में एक चर्चा के पादरी ने वर्षगाठ के मौके पर चर्चा के एल्बम की 170 प्रतियाँ तैयार करने का आर्डर दिया था।
हालाँकि दुकानदार ने उपदेशक के आर्डर को खारिज कर दिया और उन्हें सरकार की गतिविधियों व विभागों द्वारा निरंतर जांच का हवाला दिया था। इसे प्रिंट करने के लिए सभी धार्मिक तस्वीरो को बदलना होगा और बाइबिल व क्रॉस की सभी तस्वीरो को हटाना होगा। दुकानदार ने उपदेशक से इसकी इजाजत के लिए स्थानीय संस्कृति विभाग में आवेदन करने को कहा था।
उपदेशक ने कहा कि “जब धर्म पर कार्रवाई करने की नीतियाँ मांग करती है तो सभी पहलुओ पर स्कहती से नियंत्रण किया जाता है। यह समस्त राष्ट्र में हो रहा है। अगर हम कोई छोटा या सिंपल योजना भी बनायेंगे तो हमें सरकार की इजाजत चाहिए। सरकार जन्नत चाहती है कि इसमें 100 से अधिक लोग शामिल तो नहीं होंगे, ऐसे होने पर हमें दूसरी गतिविधियों का संदिग्ध मान लिया जाता है। सरकार कई बाधाओं के बारे में सोचेगी क्योंकि भयभीत है किहम अपनी आस्था को नहीं छोड़ेंगे।”