अमेरिका और चीन के बीच व्यापार जंग चरम पर है और रविवार को डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि “वह पद पर कायम रहने तक एशिया के देश को शीर्ष महाशक्ति नहीं बनने देंगे।” दोनों देश बीते वर्ष से व्यापार युद्ध के चंगुल में फंसे हैं और इसकी वार्ता के लिए दोनों पक्ष निरंतर बातचीत कर रहे हैं। अमेरिका ने चीन पर समझौते से बाहर निकलने का आरोप लगाया था।
डोनाल्ड ट्रम्प ने फॉक्स न्यूज़ से कहा कि “हमारी अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन उम्दा है। क्योंकि वह हमें पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं तो यह हमसे बड़े मुकाम तक पंहुचना चाह रहे हैं। अगर हिलेरी क्लिंटन राष्ट्रपति बनती तो उनके कार्यकाल की समाप्ति तक चीन हमसे काफी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाता और अब वह हमारे करीब भी नजर नहीं आता है।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “बिलकुल, अमेरिका की तरह चीन बेहतर नहीं कर रहा है। हम करोड़ो रूपए ले रहे हैं और उसकी अर्थव्यवस्था हमारी तरह नहीं है। मैं वांशिगटन-बीजिंग के व्यापार द्वन्द से बेहद खुश हूँ। चीन विश्व की सबसे बड़ी महाशक्ति बनना चाहता है और यह मेरे होते हुए मुमकिन नहीं है।”
हाल ही में अमेरिका ने चीन के 200 अरब डॉलर से अधिक के उत्पादों पर शुल्क में वृद्धि कर दी थी जबकि दोनों पक्षों के बीच वार्ता का दौर जारी था। इसके प्रतिकार में चीन ने भी अमेरिका के 60 अरब डॉलर से अधिक के उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया था और यह वृद्धि एक जून से प्रभावी होगी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “चीन को अहसास है कि हालिया वार्ता में उन्हें बुरु तरह मात दी गयी है और शायद अब उन्हें अगले अमेरिकी चुनावों तक इंतज़ार करना पड़े।”