अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को चीन की आर्थिक वृद्धि में धीमेपन का श्रेय लिया है। उन्होंने कहा कि “हजारो कंपनियां शुल्क से लदे बीजिंग से नाता तोड़ रही है।” चीन ने रविवार को कहा था कि “उनकी जीडीपी में वृद्धि 6.2 फीसदी से भी कम हो गयी है और यह बीते 27 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है।”
डोनाल्ड ट्रम्प का दावा
डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया कि “चीन की दूसरे तिमाही में वृद्धि धीमी है, 27 वर्षों में सबसे धीमी रफ़्तार की है। अमेरिका के शुल्क में कंपनियों को बेहद प्रभावित किया है और अब वह चीन को छोड़कर गैर शुल्क वाले देशों की तरफ जा रहे हैं।हजारो कंपनियां चीन को छोड़ रही है। इसलिए चीन अमेरिका के साथ समझौता करना चाहता है।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि अमेरिका पर प्रतिबंधो का कोई असर नहीं पड़ा है। यह अतिरिक्त शुल्क को अदा अमेरिकी करदाता नहीं कर रहे हैं बल्कि चीन के अवमूल्यन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि “मौजूदा समय में हम चीन से बतौर शुल्क अरबो डॉलर ले रहे हैं, अत्यधिक के आने की समभावना है। यह शुल्क अमेरिकी करदाताओं से नहीं लिया जा रहा है बल्कि चीनी उत्पादों से वसूला जा रहा है।”
बीजिंग और वांशिगटन विश्व को दो महाशक्तियां इस माह के शुरुआत में व्यापार जंग को खत्म करने के समझौते को करने में असफल साबित हुए थे। दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। अमेरिका ने 200 अरब डॉलर के चीनी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क में इजाफा किया था।
इसके प्रतिकार में चीन ने 60 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क को बढाया था, जो एक जून से प्रभावी थे।
द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने भी शुक्रवार को बताया कि “अगले हफ्ते बीजिंग में फिर से बातचीत शुरू होने वाली थी।” बीजिंग के साथ व्यापार वार्ता का सिलसिला मई से थमा हुआ है। जब ट्रम्प ने चीनी वार्ताकारों पर वार्ता के पूर्व महीनों में किए गए मुख्य प्रतिबद्धताओं से हटने का आरोप लगाया था।