चीन ने धमकी दी है कि वह अपने इलाके का एक भी इंच नहीं छोड़ेगा चाहे फिर वो चीन का अधिकृत ताइवान का द्वीप ही क्यों न हो। चीन दावा करता है कि ताइवान का द्वीप उसके इलाके का हिस्सा है। चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगे ने गुरूवार को कहा कि अगर कोई ताइवान को चीन से अलग करने की कोशिश करता है तो चीनी सेनाएं किसी कीमत पर उसका संरक्षण करेगी।
रक्षामंत्री ने कहा कि अमेरिका से हुए सैन्य समझौते महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। ताइवान चीन का एक प्रमुख भाग है और दक्षिणी चीनी सागर में हर बाहरी ताकत का विरोध करेगा।
हाल में अमेरिका ने चीनी सेना पर रूस से प्रतिबंधो के बावजूद हथियार खरीदने के लिए प्रतिबन्ध लगाया था। चीन इससे बौखलाया हुआ है और बची कुछी कसर दो वैश्विक ताकतों के बीच चल चल रहे व्यापार युद्ध ने पूरी कर दी है। सैन्य गतिरोध और व्यापार युद्ध चीन और अमेरिका के संबंधों में कड़वाहट घोलता जा रहा है।
अमेरिका की सेना ताइवान का समर्थन कर रही है और दक्षिणी चीनी सागर में तैनात है। चीनी रक्षा मंत्री ने बताया की दक्षिणी चीनी सागर के द्वीप का सालों से अधिकार चीन के पास है। उन्होंने कहा यह हमारे पूर्वजों की देन है और हम इस इलाके में से एक भी इंच हारना बर्दास्त नहीं सकेंगे।
अमेरिका के रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने पिछले हफ्ते कहा था कि दो वैश्विक आर्थिक ताकतों को इस समस्या का समाधान करने के लिए उच्च समझौते को मज़बूत करना चाहिए।
अमेरिका के सैन्य कमांडर ने चेतावनी दी है कि अगले 15 वर्षों में अमेरिका की चीन के साथ जंग हो सकती है। उन्होंने कहा कि पैसिफिक इलाके में अमेरिका को अपने हितों का संरक्षण पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा मेरे ख्याल से आगामी 15 सालों में जंग के आसार नजर आ रहे हैं।
अमेरिकी कमांडर ने कहा कि दक्षिणी चीनी सागर में चीन का अमेरिकी जहाज को ध्वस्त करना और अमेरिकी सेना का चीनी युद्धपोत नुकसान पहुँचाना आगामी जंग की तरफ इशारा कर रहा है। सोमवार को अमेरिका ने दो युद्धपोतों को ताइवान के लिए रवाना किया था।