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    बीजिंग, 14 जून (आईएएनएस)| विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से मिली खबर के अनुसार चीन (China) डब्ल्यूटीओ द्वारा इस फरवरी में चीनी कृषि भत्ते पर लिए गए प्रतिकूल फैसले को 13 जून से लागू करेगा। इसके अलावा चीन ने इस मामले को उठाने वाले पक्ष अमेरिका के साथ कार्यान्वयन के समय पर समानता बनाई है। चीन अप्रैल 2020 से पहले धान और गेहूं के भत्ते की नीति का सुधार पूरा करेगा, ताकि डब्ल्यूटीओ के संबंधित नियमों के अनुरूप हो सके।

    ध्यान रहे कि सितंबर 2016 में अमेरिका ने डब्ल्यूटीओ से मुकदमा दायर कर कहा कि धान, गेहूं और मकई के प्रति चीन सरकार के भत्ते चीन के वादे से अधिक हैं। 28 फरवरी, 2019 को डब्ल्यूटीओ की एक मध्यस्थ समिति ने फैसला किया कि धान और गेहूं के प्रति चीन का भत्ता नियमों का उल्लंघन है, लेकिन मकई के प्रति मुकदमा खारिज किया है।

    इस मई में डब्ल्यूटीओ स्थित चीनी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि चीन डब्ल्यूटीओ के सदस्यों के संबंधित कर्तव्यों का सम्मान करता है और फैसला लागू करेगा, लेकिन चीन को एक समुचित कार्यान्वयन समय की जरूरत है और अमेरिका के साथ वार्ता करेगा।

    गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि चीन ने अपने लिए प्रतिकूल फैसले को लागू किया है। उदाहरण के लिए वर्ष 2014 में डब्ल्यूटीओ ने फैसला किया था कि दुर्लभ मिट्टी के निर्यात पर चीन का नियंत्रण नियमों का उल्लंघन है। चीन ने यह फैसला स्वीकार किया। इस सब से जाहिर है कि चीन डब्ल्यूटीओ नियमों का सम्मान करता है।

    स्थानीय विशेषज्ञों के विचार में चीन-अमेरिका व्यापार संघर्ष की पृष्ठभूमि में चीन ने अपने लिए प्रतिकूल फैसला लागू कर यह जाहिर किया है कि चीन अपने ठोस कदम से बहुपक्षवादी व्यापार व्यवस्था की सुरक्षा कर रह है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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