अमेरिका और चीन के मध्य कई मुद्दों को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने कहा कि मनमोहक रणनीति के कारण भारत और जापान सहित कई राष्ट्रों को दिक्कतें हो रही है। चीन की दक्षिणी चीनी सागर की नीति से सभी देश चिंतित है।
चीन का हाल ही में दक्षिणी चीनी सागर और पूर्वी चीनी सागर में कई राष्ट्रों से विवाद हुआ है। चीन इन इलाकों को नियंत्रण में रखने के लिए द्वीपों पर सैन्य गतिविधियाँ बढ़ा रहा है। चीन पूरे दक्षिणी चीनी सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। साथ ही ताइवान, ब्रूनेई, मलाशिया, फ़िलीपीन्स, वियतनाम भी दावा करते हैं।
जॉन बोल्टन ने कहा कि दक्षिणी चीनी सागर पर चीन की नीति आक्रामक है। साथ ही उसकी जी लुभाऊ योजना ताइवान, जापान और मध्य एशियाई देशों के लिए समस्या उत्पन्न कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से चीन लगातार अमेरिका की तकनीक को चुराता रहा है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है डोनाल्ड ट्रम्प की चीन के खिलाफ हालिया नीति उसके व्यवहार में परिवर्तन करेगी। जॉन बोल्टन हाल ही में रूस गए थे और रुसी नेतृत्व से अनुरोध किया था कि वह चीन से बातचीत करे। चीन और रूस हाल ही में काफी नजदीकी दोस्त बन गए हैं हांकी दोनों राष्ट्रों के हित मेल नहीं खाते हैं।
रूस हाइड्रोकार्बन का निर्यातक है जबकि चीन आयातक है। रूस आधुनिक हथियार प्रणाली को बेचता है जबकि चीन इन हथियारों को खरीदता है।
जॉन बोल्टन ने कहा कि चीन रूस के साथ वही कर रहा है, जो उसने कई अमेरिकी उत्पादों और बिज़नेस के साथ किया है। चीन रूस की बौद्धिक संपत्ति को चुराकर, कॉपी करके डुप्लीकेट उत्पाद या हथियार तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन रूस के इन्हीं उत्पादों को कुछ समय बाद विश्व को सस्ते दामों में बेचेगा। उन्होंने कहा कि चीन बस रूस का इस्तेमाल कर रह है जैसे आज तक अमेरिका का करता आया है।