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उत्तर कोरिया और चीन के बीच बॉर्डर क्रासिंग

चीन के एक शहर ने उत्तर कोरिया के साथ सीमा को खोला है और इस पर न्यूक्लियर डिक्टेटर भी लगाए हैं। जबकि अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच प्रतिबंधों से राहत को लेकर मतभेद जारी है। सोमवार को जिआन के उत्तरी पूर्वी शहर में इस हैहय क्रासिंग को खोला गया है। जिआन शहर की वेबसाइट पर प्रकाशित बयान के मुताबिक तीन वर्षों के प्रयासों के पश्चात इस राजमार्ग बंदरगाह को खोला गया है।

इस परियोजना की कुल लागत 4.2 करोड़ डॉलर है। इस मार्ग से वार्षिक 500000 टन उत्पाद और 200000 लोगों के सीमा पार करने की सम्भावना है। हालाँकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के साल 2017 और 2018 में लगाए प्रतिबंध दो करीबी देशों के बीच कारोबार को प्रभावित कर सकते हैं।

उत्तर कोरिया का सबसे प्रमुख साझेदार चीन था। चीनी आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 से चीन का उत्तर कोरिया में निर्यात 90 फीसदी बढ़ता था। जो बीते हफ्ते 213 मिलियन डॉलर था। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन का अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ मुलाकात में प्रतिबंधों से राहत पाना प्राथमिकता था।

अलबत्ता, बिना किसी संयुक्त बयान के यह सम्मेलन रद्द कर दिया था। अमेरिका ने उत्तर कोरिया को परमाणु निरस्त्रीकरण करने के लिए कहा था। बॉर्डर क्रासिंग समारोह के बाद 120 यात्रियों ने सीमा पार की थी।

दोनों देशों के मध्य हालिया वर्षों में संबंधों में सुधार आया है जिसके कारण चीनी पर्यटन विभाग ने उत्तर कोरिया के लिए दरवाजे  खोले हैं। इस मार्ग पर परमाणु विकीकरण की पहचान के लिए दरवाजा भी लगाया गया है। उत्तर कोरिया की परमाणु गतिविधियों को लेकर चीन काफी लम्बे समय से खतरे के लिए चिंतित है। सितम्बर 2017 में उत्तर कोरिया के परमाणु परिक्षण से जिलिन शहर में भूकंप आ गया था।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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