संयुक्त राष्ट्र द्वारा उत्तर कोरिया पर तेल प्रतिबंध लगाए जाने का समर्थन सबसे प्रमुख तौर पर अमेरिका व चीन ने ही किया था। लेकिन अब चीन ने इन प्रतिबंधों को दरकिनार कर उत्तर कोरिया को तेल बेचने की अनुमति दी है।
उत्तर कोरिया को लेकर चीन का दोहरा व्यवहार देखने को मिला है। इस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरूवार को ट्वीट करते हुए कहा था कि हमने चीन को रंगे हाथों तेल बेचते हुए पकड़ा है।
बाद में द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वह व्यापारिक मुद्दों पर चीन के साथ नरम रूख अपनाते है। आगे कहा कि अब चीन ने उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों के बावजूद भी तेल के निर्यात को अनुमति दे दी है जिससे मैं कतई खुश नहीं हूं।
ट्रम्प ने कहा कि मेरे लिए वर्तमान में सबसे व्यापार के मुकाबले सबसे महत्वपूर्ण युद्ध है। इसलिए मैनें चीन के साथ व्यापार को लेकर नरमी दिखाई है।
https://twitter.com/realDonaldTrump/status/946416486054285314
इससे पहले गुरूवार को ट्रम्प ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि “चीन को रंगे हाथ पकड़ा- बेहद निराश हूं कि चीन ने उत्तर कोरिया को तेल की आपूर्ति मंजूर की है। यदि ऐसा ही रहा तो उत्तर कोरिया की समस्या का समाधान कभी भी शांतिपूर्ण ढंग से नहीं हो सकेगा।“
चीन की वजह से हो रहा व्यापारिक घाटा
डोनाल्ड ट्रम्प ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि चीन व अमेरिका के बीच में व्यापार को लेकर काफी समस्या है। पिछले साल चीन की वजह से अमेरिका का व्यापार घाटा करीब 350 अरब डॉलर था, जिसमें बौद्धिक संपदा की चोरी तो शामिल ही नहीं है। अगर इसे भी मिला दिया जाए तो इसका मूल्य करीब 300 अरब डॉलर अलग से है।
इसके बावजूद भी अमेरिका ने चीन के साथ किसी प्रकार की सख्ती नहीं दिखाई है। ट्रम्प ने कहा कि अगर चीन मदद करने व व्यापारिक हितों के लिए उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों के लिए तेल की आपूर्ति कर रहा है तो मैं इससे खुश नहीं हूं। चीन के साथ मैं भी कम से कम कुछ समय के लिए व्यापार को अलग तरीके से देख सकता हूं।
संयुक्त राष्ट्र के नियमों का किया पालन – चीन
इससे पहले दक्षिण कोरिया के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चीन, उत्तर कोरिया के जहाज को अवैध रूप से तेल का निर्यात कर रहा है। इस आरोप के बाद चीन ने गुरुवार सुबह कहा था कि उसने संयुक्त राष्ट्र की ओर से उत्तर कोरिया को तेल बेचने को किसी भी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं किया है।
चीन बार-बार यह कहता आ रहा है कि वो उत्तर कोरिया के प्रतिबंधों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रस्तावों की पूर्ण पालना कर रहा है। लेकिन अमेरिका, जापान व दक्षिण कोरिया को अभी भी चीन पर संदेह बना हुआ है। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने तेल निर्यात करने के आरोपों का खंडन किया है।