Mon. Dec 23rd, 2024
    चीन में उइगर मुस्लिम

    चीन पर अन्य उइगर मुस्लिमों के जीवित होने के सबूत जारी करने के लिए संजातीय उइगर समुदाय ने एक अभियान की शुरुआत की है। दरअसल, चीन ने हाल ही में तुर्की के दावे को झूठा साबित करने के लिए एक वीडियो जारी की थी, जिसमे कैद में एक व्यक्ति की मौत के दावे को झूठा साबित किया था।

    #मीटूउइगर अभियान

    इसके बाद वैश्विक स्तर पर उइगर मुस्लिमों ने सोशल मीडिया पर #मीटूउइगर अभियान की शुरुआत कर दी थी। बीबीसी के मुताबिक चीन ने उइगर कवि और संगीतकार अब्दुरहीम हेईट की एक वीडियो जारी की, जिसमे वह कहते हैं कि वह स्वस्थ और जीवित है। तुर्की के दावे के बाद इस वीडियो को सार्वजनिक किया गया था।

    इस मूवमेंट को शुरू करने वाले फ़िनलैंड के कार्यकर्ता ने चीन से पूछा कि “हम जानना चाहते हैं, बाकी लाखों उइगर मुस्लिम कहाँ है।” उन्होंने बताया कि उनके वाल्दीन को भी हिरासत में लिया गया था लेकिन बीते वर्ष छोड़ दिया गया था। यूएन के पैनल के मुताबिक 10 लाख रोहिंग्या मुस्लिमों को चीन के शिनजिआंग प्रान्त में नज़रबंद रखा गया है।

    प्रशिक्षण शिविर या कैदगृह

    बीजिंग ने शुरुआत में इन आरोपों को खारिज किया लेकिन बाद मे बताया कि उन लोगों को शिविरों में प्रशिक्षण के लिए रखा गया है। अमेरिकी मानवधिकार कार्यकर्ता रोशन अब्बास ने कहा कि कई लोग सालों से अपने परिवार व दोस्तों से संपर्क साधने में असमर्थ है और सन्देश प्लेटफार्म भी चीनी निगरानी में है। उन्होंने अपने बहन के जीवित होने की वीडियो जारी करने की मांग है।

    शिनजिआंग में उइगर मुस्लिम वर्षों से हिंसा व उत्पीड़न झेल रहा है। इस इलाके में कड़ी सुरक्षा के लिए चीन ने आतंकी गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया है। आलोचकों और परिवार के सदस्यों के मुताबिक इन कथित प्रशिक्षण शिविरों में लोगों का ब्रेनवाश किया जा रहा है, उन्हें इस्लाम त्यागकर चीनी समाज को अपनाने के लिए मज़बूर किया जा रहा है।

    सभी आतंकी नहीं

    एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिसर्चर पैट्रिक पून ने कहा कि “यह सामान्य लोग है। चीनी सरकार इतनी आसानी से दावा नहीं कर सकती है कि वह सभी चरमपंथी या आतंकवादी है।” तुर्की की यह प्रतिक्रिया हिरासत में एक विख्यात उइगर कवि और संगीतकार अब्दुरहीम हेईत की मौत पर आयी है।

    अंतर्राष्ट्रीय मानवधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि यह एक धार्मिक व संजातीय समूह की पहचान बदलने का प्रयास है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की सेक्रेटरी जनरल ने कहा कि शिनजियांग एक खुले कैदखाने के रूप में परिवर्तित हो गया है। जहां के निवासी अपनी ही सरजमीं पर बेगाने हो गए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *