चीन और अमेरिका के मध्य छिड़े व्यापार युद्ध के असर को कम करने के लिए चीन ने इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो का आयोजन किया है।
चीन ने संघाई में 51 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे का अंतर कम करने के लिए पहले इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो का आयोजन किया है। छह दिन तक आयोजित इस एक्सपो का उद्धघाटन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को किया था। इस एक्सपो का मकसद चीन की आयातित क्षमता को प्रदर्शित करना है।
आधिकारिक सूचना के मुताबिक भारत के वाणिज्य सचिव के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधि समूह इस आयोजन में सम्मिलित होगा। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान भी इस एक्सपो में शरीक होंगे। भारतीय दूतावास ने बताया कि भारत के इस एक्सपो में मुख्यत ध्यान कृषि उत्पाद, फर्माटिकल्स, सूचना प्रोद्योगिकी और पर्यटन में होगा।
चीनी मीडिया के मुताबिक आयोजन में ट्रिलियन डॉलर आयात की संभावनाएं हैं। चीन और अमेरिका के मध्य छिड़ी व्यापार जंग का असर अब दिखने लगा है। अमेरिका ने चीन से आयातित उत्पाद पर 250 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाया था इसके प्रतिकार में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 60 बिलियन डॉलर का टैरिफ लगाया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिंगपिंग के वुहान में अनौपचारिक मुलाकात के बाद दोनों राष्ट्रों के मध्य उच्च स्तर की कई बैठके हुई थी। चीन ने भारत को चीनी, चावल जैसे कृषि उत्पादों के साथ ही आईटी और फर्माटिकल्स से जुड़े उत्पादों का भी निर्यात करने को कहा था।
इस आयोजन में 82 मुल्क और तीन अंतर्राष्ट्रीय संगठन 3000 वर्ग किलोमीटर में 72 बूथ लगायेंगे। इस बिज़नेस आयोजन में ब्रिटेन, जर्मनी सहित 12 देश ‘गेस्ट ऑफ़ ओनर’ होंगे। इस एक्सपो में 130 देशों की 3000 कंपनियां शामिल होंगी।