चीन में अमेरिका के राजदूत टेरी ब्रेनस्टाड ने तिब्बत की दुर्लभ यात्रा की थी और वहां के स्थानीय अधिकारीयों से मुलाकात की थी। साथ ही उन्होंने बौद्ध धर्म पर पाबन्दी और हिमालय क्षेत्र की अनोखी संस्कृति व भाषा के संरक्षण पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
बीजिंग में स्थित दूतावास ने कहा कि “राजदूत ब्रेनस्टाड रविवार से शनिवार तक तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र और पड़ोसी इलाके किंघाई प्रान्त की यात्रा पर है। इस यात्रा में आधिकारिक मुलाकाते भी शामिल है और इसके आलावा धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत स्थलों, स्कूलों और अन्य मनपसंद क्षेत्रों को भी की जाएगी।”
दूतावास ने बयान में कहा कि “तिब्बत की दुर्लभ यात्रा राजदूत के लिए स्थानीय अधिकारीयों से मुलाकात कर लम्बे अरसे से जारी चिंताओं को उठाने का एक बेहतरीन मौका है। इसके आलावा राजदूत क्षेत्र की अनोखी संस्कृति, धर्म और पारिस्थितिक सार्थकता के बाबत भी जानकारी हासिल करेंगे।”
तिब्बत में विदेशियों विशेषकर पत्रकारों और राजदूतों के जाने पर सख्त पाबंदी है। अमेरिका ने रेसिप्रोकाल एक्सेस टू तिब्बत एक्ट को दिसंबर में द्विदलीय सहयोग से पारित कर दिया था।
अमेरिका नें पिछले साल नवम्बर में तिब्बत पर एक क़ानून को पास किया था, जिसके मद्देनजर तिब्बत के लोगों को उनका अधिकार मिल सके। इस कानून में यह था कि जो अधिकार चीनी अधिकारीयों को तिब्बत में मिलते हैं, वही अधिकारी अमेरिकी अधिकारीयों को भी तिब्बत जाने पर मिल सकें।