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    अमेरिका चीन राष्ट्रपति

    बीजिंग ने शुक्रवार को अमेरिका को चेतावनी देते हुए कि रूस से हथियार के सौदे के कारण चीनी मिलिट्री पर लगाए प्रतिबन्ध को हटाए वरना परिणाम भुगतने को तैयार रहे।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन अमेरिका के बेवजह लगाए इस प्रतिबन्ध को नहीं सहेगा।

    चीन ने तीखे तेवर दिखाते हुए कहा कि वांशिगटन के यह रवैया अंतर्राष्ट्रीय नियमों का सरासर उल्लंघन है। इसकी वजह से दो देशों की सैन्य शक्तियों के रिश्ते खराब हुए है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका इस बेबुनयादी बैन को हटा ले नहीं तो अंजाम भुगतने को तैयार रहे।

    अमेरिकी विभाग ने वीरवार को रूस से सुखोई लड़ाकू विमान और एस-400 मिसाइल खरीदने पर चीनी सुरक्षा मंत्रालय पर आर्थिक प्रतिबन्ध लगा दिए थे।

    सूत्रों के अनुसार यह पहली दफा है जब किसी तीसरे देश को सीएएटीएसए के तहत सज़ा दी जा रही है यह कानून केवल रूस के लिए प्रभावी है।

    अमेरिका का ऐसा सख्त कदम चीन के साथ चल रही व्यापार जंग को हवा देगा।

    दोनों देशों ने सोमवार को एक-दूसरे के देश से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाया था।

    वांशिगटन ने चीनी उत्पादों पर 200 बिलियन का शुल्क लगाया था जबकि बीजिंग ने अमेरिकी माल पर 60 बिलियन डॉलर का शुल्क लगाया था।

    इससे पहले दोनों देश 50 बिलियन डॉलर के माल पर टैक्स लगा चुके हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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