अमेरिका की रेटिंग कंपनी स्टैण्डर्ड एंड पुअर की आर्थिक प्रमुख बेथ अन्न ने बताया कि अमेरिका और चीन के मध्य चल रहा व्यापर युद्ध भारत को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुचायेंगा। भारत के निर्यात में बढ़ोतरी होगी हालाँकि यह कुछ छोटी अर्थव्यवस्थाओं के लिए नुकसानदयी साबित हो सकता है।
बेथ अन्न कि बताया की अगर अमेरिकन सरकार अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए वित्तीय कटौती करती है तो भारतीय मुद्रा रूपए में गिरावट आएगी। चीन कॉटन के आयत के लिए अमेरिका की जगह भारत और अन्य एशियाई देशों को तलाश कर रहा है।
बेथ अन्न ने बताया कि चीन कॉटन पर एक बड़ा भाग निवेश करता है। पहले चीन अमेरिका से आयात करता था लेकिन अब भारत में विकल्प देख रहा है। बीते दो महीनों में चीन और भारत के बीच व्यापार घाटा अपने उच्चतम स्तर पर है।
व्यापार के युद्ध के कारण अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया है। चीन ने अमेरिका से उत्पादों के आयत को काम कर दिया। अब चीन भारत जैसे देशों से आयात को बढ़ाएगा। भारत और अन्य एशियाई अर्थव्यवस्था को चीन के अमेरिकी आयातित उत्पादों पर भारी शुल्क लगाने से फायदा हो सकता है।
अमेरिका ने एल्मुनियम और स्टील के आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाया था जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी आयत पर प्रतिबन्ध लगाया था। विश्व की दो अर्थव्यवस्थाओं के मध्य जैसे को तैसा वाला सुलूक कई छोटी अर्थव्यवस्थाओं के लिए नुकसानदय साबित हो सकता है।
बेथ अन्न ने बताया कि छोटे अर्थव्यवस्था वाले देशों को झटका लगेगा लेकिन भारत विशाल है उन पर इसका प्रभाव कम होगा। चीन में अमेरिकी निर्यात की जगह भारत ले सकता है। अमेरिका के 10 मिलियन डॉलर के उप्तादों को चीन खरीदता है और यही उत्पाद भारत भी चीन को निर्यात करता है।
अमेरिका ने चीन से आयातित उत्पादों पर 250 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त शुल्क लगाया था, इसके प्रतिकार में चीन ने अमेरिकी सामान पर 60 बिलियन डॉलर का टैरिफ लगाया था।