अमेरिका और चीन के मध्य व्यापार और सेना के विवादों पर तनातनी चल रही है। दोनों राष्ट्र एक-दूसरे के देश से आयातित माल पर शुल्क लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
अमेरिका और चीन के मध्य मतभेदों में नरमी लाने के लिए दोनों राष्ट्रों के मध्य सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन होगा। अमेरिकी सचिव माइक पोम्पिओ ने जारी व्यापार युद्ध पर संघर्षविराम लगाने के लिए चीनी अधिकारियों से वार्ता की रणनीति को अमलीजामा पहनाया है। चीनी विदेश प्रवक्ता ने पिछले सप्ताह कहा था कि दोनों राष्ट्र द्विपक्षीय वार्ता में क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचार रख सकते हैं।
सनद हो कि इससे पूर्व अमेरिकी रक्षा सचिव जिम मैटिस का चीनी दौरा रद्द हो गया था। अमेरिका ने इस दौरे को रद्द करने का तर्क दिया था कि विवादित दक्षिणी चीनी सागर में गश्त के दौरान चीन का नेवल विमान उनके विमान के सामने आ गया। ज्ञात ही चीन समस्त दक्षिणी चीनी सागर पर अपना दावा ठोकता है।
अमेरिका और चीन के मध्य मतभेदों की बर्फ तब और जम गयी जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने बयान दिया कि चीन उनके आंतरिक और चुनावी मसलों में दखल देना चाहता है। चीन चाहता है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता में वापसी न करे ताकि बीजिंग आसानी से अमेरिकी नीतियों और राजनीति में हस्तक्षेप कर सके।
चीन ने माइक पेन्स के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बीजिंग को बदनाम करने की रणनीति है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका के समक्ष आरोपों का कोई प्रमाण नहीं है। अमेरिका की चीन को बदनाम की साजिश है कि हम उनके चुनाव और आंतरिक मसलों दखल देने की इच्छा रखते हैं।
चीनी राजदूत ने कहा कि चीन व्यापार युद्ध का अंत चाहता है लेकिन अमेरिका का मूड स्विंग होने के कारण मालूम नहीं पड़ता कि अमेरिका की प्राथमिकताएं क्या है। उन्होंने कहा हम सौदे को तैयार है साथ ही समझौते भी करेंगे लेकिन विश्वास दोनों राष्ट्रों में होना जरुरी है।
चीनी राजदूत ने बताया कि चीन व्यापार युद्ध पर पूर्णविराम लगाने की इच्चा रखता है और इसके लिए हम विवादित मसलों पर कार्य करने को तत्पर है। हमारे मध्य दो से अधिक समझौते एक रात में ही रद्द हो जाते हैं क्योंकि अगले दिन अमेरिका की मांगे बदल जाती है। यह हालात मुश्किलात पैदा करते हैं।