चीन ने सोमवार को ऐलान किया कि वह तीसरे युद्धपोत का निर्माण करने जा रहा है, जो पहले दो के मुकाबले अधिक शक्तिशाली और विशाल होगा। चीन ने साल 2012 में पहला एयरक्राफ्ट लिओनिंग को लांच किया था। चीन ने इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल ताइवान के जलमार्ग के अभियान में किया गया था।
चीन ने दूसरे एयरक्राफ्ट को इसके बाद लांच किया था और बीते साल इस समुद्री ट्रायल के लिए लांच किया गया था। इस जहाज की सुविधाओं का इस्तेमाल साल 2020 से मिलने की उम्मीद हैं। हालांकि अब चीन ने तीसरे युद्धपोत के निर्माण की घोषणा कर दी है।
चीनी ख़बरों के मुताबिक वह आधुनिक युग के वाहक का निर्माण करेगा। चीन ने अपने पहले युद्धपोत को लांच करने की छठी सालगिरह पर इसकी घोषणा की है। हालांकि चीन ने अभी आधुनिक युग के जहाज के बाबत कोई जानकारी नहीं मुहैया की है।
चीनी ख़बरों के मुताबिक संघाई में स्थित जियांग्नन शिपयार्ड ग्रुप लिओनिंग और दूसरे वाहक के बाद तीसरे सबसे शक्तिशाली और विशाल युद्धपोत का निर्माण करेगा। हालांकि इस ग्रुप के बीजिंग स्थित मुख्यालय ने इन ख़बरों पर टिप्पणी करने से इनकार दिया है। अधिकारियों के मुताबिक चीन की इस तेज़ी से जहाज निर्माण करना भारत के लिए चिंता का सबब है।
भारतीय नौसेना एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल साल 1961 से कर रहा है लेकिन अब नौसेना आईएनएस विक्रमादित्य का इस्तेमाल ही करता है। भारत में ही निर्माण हुए विक्रमादित्य को साल 2020 में समुंद्री ट्रायल के लिए लांच किया जा सकता है। चीनी हिन्द महासागर और दक्षिणी चीनी सागर में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढाने के लिए एयरक्राफ्ट के निर्माण करने के लिए जल्दी कर रहा है। ताकि उसका प्रभुत्व कायम रहे।