चीन के विदेश मंत्री वांग यी चार दिवसीय भारत यात्रा पर आये हैं, वह यहाँ पहला पीपल टू पीपल एक्सचेंज फोरम में उपस्थित हुए थे। वांग यी अपने भारतीय समकक्षी सुषमा स्वराज के साथ इस समारोह में उपस्थित हुई थे। चीनी विदेश मंत्री ने शुक्रवार को भारत में कन्फूसियस संस्थान की स्थापना का प्रस्ताव दिया था, जो ‘ब्रांड प्रोजेक्ट’ का भाग होगा।
कन्फूसियस संस्थान की स्थापना
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज के साथ बातचीत के बाद चीनी विदेश मंत्री ने सार्वजानिक तौर पर यह प्रस्ताव रखा था। साथ ही वांग यी ने श्रद्धालुओं की यात्रा, भारत में चीनी नए वर्ष का आयोजन और संयुक्त मेडिकल टीम जैसी परियोजनाओं के बाबत जानकारी दी थी।
विश्व में आलोचना
कन्फूसियस संस्थान की विश्व में तीव्र जांच की जा रही है और चीनी विस्तारवादी रणनीति के लिए इस संस्थान की आलोचनाये की जा रही है। भारत कन्फूसियस संस्थान के तीव्र प्रसार पर कम बोलने वालों में से हैं, हालांकि चीन ने भारत के कन्फूसियस संस्थान को स्थापित के इरादे को जानने के लिए अपने अधिकारी भेजे थे।
वांग ने सुषमा स्वराज के साथ बैठक के बाद कहा कि हम सहमत है कि जनता से जनता के संवाद के लिए ब्रांड प्रोजेक्ट का विकास किया जायेगा।
भारत में कन्फूसियस संस्थान
सूत्र के मुताबिक “जब वह इस मसले पर ठोस प्रस्ताव लेकर आयेंगे हम इसकी समीक्षा करेंगे।”भारत में अभी दो कन्फूसियस संस्थान, मुंबई यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेल्लोर हैं। चीन में भारत के पूर्व राजदूत अशोक कंठ ने कहा कि पूर्व में, भारत सरकार ने कन्फूसियस संस्थान को विदेशी सांस्कृतिक केंद्र के रूप में समझा था। जो हानबान को मंज़ूर नहीं था जो इस संस्थान को चलाते हैं।
अमेरिका में कन्फूसियस संस्थान का विरोध
कई अमेरिकी यूनिवर्सिटीस ने परेशानियों के कारण कन्फूसियस संस्थान से नाता तोड़ लिया था। अमेरिकी सांसद ने इस पर चिंता व्यक्त करर्ते हुए कहा था कि चीनी सरकार का प्रभाव टेक्सास के शैक्षिक संस्थानों में प्रसारित हो रहा है। साल 2014 में अमेरिकी एसोसिएशन ऑफ़ यूनिवर्सिटी प्रोफेसर ने कन्फूसियस संस्थान की आलोचना में एक बयान जारी कर कहा कि “यह चीन के हथियार के तौर पर है’ और ‘संस्थान की आज़ादी के लिए इसे नज़रंदाज़ करना जरुरी है’।
सुषमा स्वराज ने कहा कि वह इस वार्ता से संतुष्ट है और वुहान यात्रा के बाद दोनों राष्ट्रों के द्विपक्षीय रिश्ते सुधरे हैं। सुषमा स्वराज ने अपने बयान में कन्फूसियस संस्थान के बाबत कोई बात नहीं कही थी।
उन्होंने वांग को अपना करीबी मित्र और भाई कहा और कहा कि भारत और चीन सहयोग के 10 स्तंभों पर सहमत है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन के सम्बन्ध एक नए ऐतिहासिक मंच पर पंहुच गए हैं। जो हमारे नेताओं की निजी प्रतिबद्धताओं में झलकता है।