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    नेपाल और चीन

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शनिवार को प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली के साथ बातचीत के लिए नेपाल की यात्रा पर पंहुचेगे। हिमालय राष्ट्र और तिब्बत के बीच रेलवे लिंक के विस्तार के लिए समझौते पर दस्तखत होने की सम्भावना है। बीरे 22 सालो में नेपाल की यात्रा करने वाले शी पहले चीनी राष्ट्रपति है।

    भारत और चीन के बीच नेपाल एक मतभेद का मुद्दा रहा है, चीन नेपाल की भारत पर निर्भरता को कम करने की कोशिशो में जुटा हुआ है। चीनी नेता रविवार को ओली से मिलेंगे और दोनों नेता कई समझौतों पर दस्तखत करेंगे जिसमे काठमांडू और तिब्बत के बीच रेलवे लिंक का विस्तार भी होगा।

    यह लिंक चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का भाग होगा जिसमे नेपाल ने साल 2017 में हस्ताक्षर किये थे। ओली के आला सहायको में से एक राजन भट्टराई ने कहा कि “इस योजना के लचीलेपन का अध्ययन चीनी के जानकारों ने किया था।”

    उन्होंने कहा कि “रेलवे लिंक की जानकारी की रिपोर्ट की तैयारियों के लिए एक समझौते पर दस्तखत होने की सम्भावना है जो प्रधानमन्त्री की राष्ट्रपति शी के साथ मुलाकात के बाद किये जायेंगे।” इस रिपोर्ट में प्रोजेक्ट की लागत, वित्तीय और रचनात्मक मॉडल्स का निर्णय लिया जायेगा।

    चीन के साथ रेलवे की परियोजना को चीन भारत से निर्भरता को खत्म करने के लिए एक वैकल्पिक चयन के तौर पर देखता है। नेपाल के दो-तिहाई व्यापार पर भारत का कब्ज़ा है और यह ईंधन के सप्लाई का एकमात्र स्त्रोत है। साल 2015 में बॉर्डर क्रोसिंग में बाधा उत्पन्न होने के कारण नेपाल में कई महीनो तक दवाइयों और ईंधन की काफी किल्लत रही थी।

    बीजिंग ने नेपाल में राज्यमर्गो, एयरपोर्ट और पॉवर प्लांट के निर्माण और अपग्रेड में मदद की है और यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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