चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) गुरूवार को उत्तर कोरिया (North Korea) की दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा पर रवाना होंगे। इस महीने के अंत में जापान (Japan) के ओसाका में जी-20 (G-20) के सम्मेलन का आयोजन है और इसमें शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात से पूर्व उत्तर कोरिया की यात्रा हैरतअंगेज़ है।
उत्तर कोरिया की यात्रा
सिन्हुआ की सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, शी जिनपिंग को उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने मुल्क में यात्रा का निमंत्रण दिया था। उत्तर कोरिया के मीडिया ने भी उनकी यात्रा पर मोहर लगा दी है। यह मुलाकात ऐसे हालातो में हो रही है जब अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता ठप पड़ी हुई है।
चीन और उत्तर कोरिया की दशकों से सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध रहे हैं। बीजिंग-पियोंगयांग की दोस्ती के नए युग की शुरुआत का संकेत देने के लिए मार्च 2018 में किम जोंग उन ने चीन की यात्रा की थी। प्योंगयांग ने बीते वर्ष चार दफा चीन की यात्रा की थी।
इस सप्ताह शी जिनपिंग पहले चीनी नेता होंगे जो उत्तर कोरिया की यात्रा करेंगे। चीन के पूर्व राष्ट्रपति हु जिन्ताओ ने साल 2005 में उत्तर कोरिया की यात्रा की थी। कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग ने मीडिया से कहा कि शी जिनपिंग संबंधों को एक नयी प्रदान करने के लिए उत्तर कोरिया की यात्रा करेंगे।
शी-किम का याराना
उत्तर कोरिया और चीन के कूटनीतिक संबंधों के 70 साल पूरे होने पर शी कम्युनिस्ट मुल्क की यात्रा पर जायेगे। साल 1950 में चीन ने कोरियाई युद्ध में अमेरिका के खिलाफ उत्तर कोरिया के साथ मिलकर जंग लड़ी थी। चंद चीनी विश्लेषकों के मुताबिक, चीन के राष्ट्रपति की यात्रा डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच बातचीत को बहाल करने में भी लाभदायक साबित होगी।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुतबिक, उत्तर कोरिया का चीन एक महत्वपूर्ण साझेदार है और चीन ने उत्तर कोरिया की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद अवैध तरीके से तेल आपूर्ति करने में काफी मदद की है।