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    ताइवान की राष्ट्रपति

    ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने मंगलवार को कहा कि “इस हफ्ते हुई चीन की सैन्य ड्रिल से ताइवान भयभीत नहीं है।” हाल ही चीनी सैन्य युद्धाभ्यास को अमेरिकी आला अधिकारी ने ‘बलप्रयोग’ करार दिया था और इसे क्षेत्र की स्थिरता के लिए खतरा बताया था।

    चीन के अभ्यास से डर नहीं

    चीन की नेशनल पीपल आर्मी ने कहा कि “हमारे युद्धपोतों, बॉम्बर्स और एयरक्राफ्ट्स ने सोमवार को ताइवान के करीब जरुरी ड्रिल की थी, यह सामान्य था।” राष्ट्रपति ने कहा कि “हम चीन की ड्रिल से बिलकुल भी भयभीत नहीं है। जैसा कि आप सब जानते हैं, चीन की हथियारबंद सेना ने कल हमारे आस-पास विशाल संख्या में सैन्य एयरक्राफ्ट और नौसैन्य जहाजों को भेजा था।”

    उन्होंने कहा कि “चीन की कार्रवाई ताइवान के साथ इस क्षेत्र के अन्य देशों के लिए भी खतरा है। उनकी कार्रवाई सिर्फ हमारे इरादो को मज़बूत बना रही है। हमारे सैन्य बल के समक्ष ताइवान की रक्षा करने के लिए क्षमता, प्रतिबद्धता और दृढ संकल्पित है और हमारे भविष्य पर निरंकुश शासन के लिए बलप्रयोग की अनुमति नहीं देता है।”

    अमेरिका देगा हथियार

    राष्ट्रपति ने कहा कि “अमेरिका ने ताइवान को तीसरी दफा हथियार बेचने के लिए सूचित कर दिया है। पायलटो का प्रशिक्षण एरिज़ोना में स्थित ल्यूक एयरफोर्स बेस पर होगी। अमेरिकी हथियार हमारी रक्षा की क्षमताओं में इजाफा करेंगे। मैं इस ऐलान के लिए अमेरिकी सरकार की सराहना करना चाहती हूँ।”

    ताइवान रिलेशन एक्ट के तहत अमेरिका-ताइवान के संबंधों के 40 वीं वर्षगाँठ के मौके पर विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित समारोह में राष्ट्रपति त्साई भाषण दे रही थी। साल 1979 में वांशिगटन ने चीन के पक्ष में ताइवान को आधिकारिक देश के तौर पर मान्यता नहीं दी थी।

    अमेरिकी हाउस ऑफ़ रेप्रेसेंटिव के पूर्व अध्यक्ष पॉल रयान के नेतृत्व में प्रतिनिधि समूह ने इस समारोह में शिरकत की थी। सोमवार को चीन सेना पर निगरानी के लिए ताइवान ने विमानों और जहाजों की तैनाती की थी। ताइवान विदेश मनात्रलय ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि वह ताइवान के जलमार्ग की यथास्थिति में परिवर्तन करने की कोशिश कर रहे हैं।

    चीन का बयान

    चीनी ली पीएलए ने मंगलवार को कहा कि “इस ड्रिल का लक्ष्य संयुक्त गोलीबारी हमले में लड़ाकू विमानों के संरक्षण के तहत अभ्यास कारण था। चीनी सैन्य प्रतिनिधि के मुताबिक, यह ड्रिल वार्षिक है और संप्रभु देश के सामान्य कानूनी अधिकारों का पूरी तरह पालन करती है।

    बीते कुछ सालो से निरंतर चीन द्वीप के चौतरफा गश्त करता रहता है। अमेरिका और ताइवान के कोई आधिकारिक सम्बन्ध नहीं है लेकिन वांशिगटन ताइवान को मदद मुहैया करने के लिए कानून से बंधा हुआ है। चीन द्वीप एकीकरण के लिए दबाव बढ़ाता जा रहा है वही त्साई ताइवान की आधिकारिक आज़ादी के लिए लड़ रही है।

    चीन ने कभी ताइवान को अपने नियंत्रण में लेने के लिए बलप्रयोग के इस्तेमाल का ऐलान नहीं किया है। ताइवानी राष्ट्रपति ने कहा कि “हम चीन के साथ सम्बन्ध कायम रखें चाहते हैं लेकिन ताइवान की सुरक्षा और लोकतंत्र की हम रक्षा करेंगे। तायपेई के हथियारों को बेचने के आग्रह पर अमेरिका ने सकारात्मकता से प्रतिक्रिया दी है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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